बम कांड में भाई की राजनीति से खुश नहीं ताई, राहुल गांधी ने पटवारी से पूछा सुमित्रा महाजन तो सभ्य सांसद थी, वहां बीजेपी ने ऐसा किया

इंदौर में जो हुआ उसकी जानकारी जब राहुल गांधी को लगी तो उन्होंने कहा कि इंदौर तो ऐसा शहर नहीं है जैसा हुआ। वहां से सुमित्रा महाजन सांसद थी, वह तो शुचिता और सभ्यता की बात करती, वहां बीजेपी ने ऐसा कृत्य कर दिया।

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
एडिट
New Update
hn
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की राजनीति में हुए बम कांड ( Akshay Kanti Bam ) (कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम का नाम वापस लेकर बीजेपी में जाने) से एक बार भाई और ताई की राजनीति चर्चा में आ गई है। इस बम कांड के मुख्य सूत्रधार बने नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) यानी भाई और उनकी राजनीति से अलग रास्ता रखने वाली पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ताई ( Sumitra Mahajan ) का नाम भी इस कांड में उठने लगा है। 

इसलिए उठा ताई का नाम

दरअसल प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस जीतू पटवारी ने इस बात का खुलासा किया कि क्यों ताई का नाम आया है? पटवारी ने बताया कि इंदौर में जो हुआ उसकी जानकारी जब राहुल गांधी जी को दी तो उन्होंने मुझसे कहा कि इंदौर तो ऐसा शहर नहीं है जैसा हुआ। उन्होंने फिर कहा कि वहां से सुमित्रा महाजन सांसद थी वह तो शुचिता और सभ्यता की बात करती वहां बीजेपी ने ऐसा कृत्य कर दिया। वह कहां थी, क्या अभी चलती-फिरती है, महाजन इतनी सभ्य है, क्या वह भी बीजेपी के इस कृत्य में शामिल थी क्या?

ये खबर भी पढ़िए...मोदी ने लिखी शिवराज को चिट्ठी, जिस कारण परेशान लग रही BJP वही काम सौंपकर जताया मामा की काबिलियत पर भरोसा

महाजन बोलीं- मैं ऐसी राजनीति नहीं करती

उधर महाजन ने कहा कि मैं तो सीधे सरल तरीके से चुनाव लड़ती थी, किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी से मेरी कभी लड़ाई नहीं हुई। जब अक्षय बम ने नामांकन वापस लिया और जब बीजेपी की सदस्यता ली मैं ना कार्यालय में थी और ना ही इस फैसले में शामिल थी। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुझसे ऐसी राजनीति नहीं होती है, कांग्रेस चुनाव लड़ती तो भी हमारी जीत तय थी, कांग्रेस हमारे लिए चुनौती ही नहीं थी। 

ताई और भाई की राजनीति का तरीका हमेशा अलग रहा

ताई और भाई की राजनीति हमेशा ही अलग रही है। जब ताई 1989 में पहली बार सांसद बनी, तब कैलाश विजयवर्गीय पार्षद थे और फिर 1990 में पहली बार विधायक बने। दोनों की एक साथ इंदौर में राजनीति चली और तरीका दोनों अलग-अलग था इसके चलते इंदौर में ताई गुट और भाई गुट बन गया। खासकर शिवराज सिंह चौहान के सीएम बनने के बाद जैसे-जैसे शिवराज मजबूत हुए, ताई गुट इंदौर की राजनीति में अहम हो गया और भाई गुट की पूछ पूरख धीरे-धीरे कम हुई। लेकिन अब बदली सरकार में भाई गुट की तूती बोल रही है और ताई वैसे ही सक्रिय राजनीति से अलग है। ताई ने खुलकर कहा कि उनके कैलाश से कोई मतभेदन हीं लेकिन उनकी राजनीति की शैली अलग है, मेरी अलग है। हाल यह है कि इन दोनों की दूरियां 2009 में पूरी तरह सतह पर आ गई, जब भाई गुट चूनाव में पूरी तरह से ठंडा रहा और ताई कांग्रेस के सत्तू पटेल से मुशिकल से 11 हजार वोट से जीत सकी थी। हालांकि 2014 के चुनाव में मोदी लहर में फिर वह भारी लीड से जीती और जीत का तब तक का नया रिकार्ड बनाया था। जो साल 2019 में शंकर लालवानी ने 5.47 लाख वोट से जीत कर तोड़ दिया।

ये खबर भी पढ़िए...भोपाल : स्कूल हॉस्टल में मासूम बच्ची से RAPE, मामला दबाने बनाया जा रहा दबाव

कांग्रेस ने ताई को लिखा पत्र

उधर, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने ताई को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि आपने 30 साल तक राजनीति की मर्यादा बनाए रखी थी, लेकिन राजनीति में सक्रिय चंद असामाजिक तत्वों ने अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए इंदौर की गरिमा को खंडित करके लोकतंत्र का चीरहरण कर दिया हैं। इंदौर में बीजेपी के अंदर “स्वच्छ भाजपा- स्वच्छ इंदौर अभियान “ चलाना चाहिए। आपसे विनम्र निवेदन है की आप देश में इंदौर की एक मात्र सर्व मान्य बीजेपी नेता के रूप में स्थापित हैं। लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए आपने संविधान की परम्पराओं का पालन करना सारे देश के सांसदों को सिखाया हैं। लेकिन आपके गृह नगर इंदौर में चंद बीजेपी  नेताओं ने इंदौर का नाम सारे देश मे कलंकित किया हैं।

Kailash Vijayvargiya कैलाश विजयवर्गीय Sumitra Mahajan सुमित्रा महाजन अक्षय कांति बम Akshay Kanti Bam