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डूबते को तिनके का सहारा होता है ये कहावत खरगोन जिले के करही थाना क्षेत्र के देव पिपल्या में सही साबित हो गई। जब पुलिया के ऊपर बाढ़ के पानी में रामलाल गया और कुछ दूर जाकर झाड़ियों में अटक गया। रामलाल जीवन और मौत के बीच 3 घंटे तक झूलता रहा। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई। टीम के सदस्यों ने कड़ी मेहनत के बाद रामलाल को सुरक्षित निकाल लिया।
किस्मत वाला है रामलाल
करही थाने के प्रभारी राजेंद्र बर्मन ने बताया कि देव पिपलिया गांव के 40 साल के रामलाल मकवाना जीवती नदी की पुलिया पार करके दूसरे किनारे पर जा रहा था। पुलिया क्रॉस करने के दौरान अचानक पानी बढ़ गया कुछ देर तक तो रामलाल तैरता रहा, लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण ज्यादा देर नहीं टिक पाया और बह गया। रामलाल की किस्मत जोरदार थी कि कुछ दूरी पर वह झाड़ियों में अटक गया और उसे बचा लिया गया।
कोई बचाने की हिम्मत नहीं कर पाया
पुलिया पार करते हुए बहने के बाद रामलाल को झाड़ियां दिखी तो उसको कसकर पकड़ ली और सहायता के लिए चिल्लाने लगा। पानी का बहाव इतना तेज था कि कोई भी उसमें कूदकर रामलाल को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। इस दौरान ग्रामीणों ने रस्सी का जुगाड़ लगाकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई।
SDRF की टीम को महेश्वर से बुलाया
थाना प्रभारी राजेंद्र बर्मन ने बताया कि उनके साथ तहसीलदार राकेश सस्तिया भी मौके पर पहुंचे। रात होने पर रामलाल को रेस्क्यू करने में परेशानी आ रही थी। इसी दौरान महेश्वर से गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। उसके बाद योजना बनाकर रामलाल को बाढ़ के पानी से बाहर निकाला। रामलाल का पैर झाड़ी और चट्टानों के बीच फंसने रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कत हुई, लेकिन करीब 40 मिनट की मशक्कत के बाद रामलाल को बचा लिया गया।
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