New Update
/sootr/media/media_files/0rrnyZPb5ee5ux34J4P5.jpg)
00:00
/ 00:00
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
INDORE : मप्र सहित अन्य राज्यों में अधिवक्ताओं के बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए ली जाने वाली भारी भरकम फीस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। मप्र में ही यह फीस 19 हजार रुपए थी जबकि बार काउंसिल नियम के हिसाब से यह 750 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती है। 40 हजार तक थी, लेकिन अब 750 से ज्यादा नहीं।
मप्र हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले और फिर सुप्रीम कोर्ट तक जाने वाले अधिवकता निमेष पाठक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 30 जुलाई 2024 को उपरोक्त निर्णय आने के पहले अधिकांश राज्यों में अधिवक्ता नामांकन शुल्क (Advocates Registration fees) 40,000 रुपए तक थी। इस फैसले के बाद राज्य अधिवक्ता परिषद द्धारा नामांकन शुल्क (Registration fees) 750 रुपए से अधिक नहीं लिया जा सकता हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है की राज्य अधिवक्ता परिषद "विविध शुल्क" (miscellaneous fee), "स्टाम्प शुल्क" (stamp duty) या अन्य शुल्क के अंतर्गत उपरोक्त निर्दिष्ट राशि से अधिक कोई राशि नहीं ले सकती हैं। यह निर्णय केवल भावी प्रभाव पर लागू होगा, जिसका अर्थ है कि बार काउंसिल को अब तक वैधानिक राशि से अधिक एकत्र किए गए नामांकन शुल्क को वापस करने की आवश्यकता नहीं है। यानी जिसने अधिक राशि जमा की है वह रिफंड नहीं ले सकते हैं। यह फैसला 30 जुलाई से लागू होगा।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार काउंसिल अधिवक्ताओं के लिए किए जाने वाले काम के लिए अन्य शुल्क लगाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें नामांकन शुल्क के रूप में नहीं लगाया जा सकता है।
1. बार काउंसिल नामांकन शुल्क के रूप में Advocates Act, 1961 की धारा 24 के तहत निर्दिष्ट राशि से अधिक नहीं ले सकते।
2. उपरोक्त निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामान्य श्रेणी के अधिवक्ताओं के लिए नामांकन शुल्क 750 रुपए से अधिक नहीं हो सकता।
3. अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के अधिवक्ताओं के लिए 125 रुपए से अधिक नहीं हो सकता।
4. राज्य अधिवक्ता परिषद "विविध शुल्क", "स्टाम्प ड्यूटी" या अन्य शुल्क के मद में ऊपर निर्दिष्ट राशि से अधिक कोई राशि नहीं ले सकते।
5. राज्य अधिवक्ता परिषद और बार काउंसिल ऑफ इंडिया Advocates Act, 1961 की धारा 24(1)(f) के तहत निर्दिष्ट राशि से अधिक अधिवक्ताओं के पंजीयन हेतु नहीं ले सकते।
6. Advocates Act, 1961 की धारा 24(1)(f) के तहत राज्य अधिवक्ता परिषद को देय नामांकन शुल्क 600 रुपए तथा सामान्य श्रेणी के अधिवक्ताओं के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को 150 रुपए निर्धारित किया गया है।
7. एससी/एसटी वर्ग के अधिवक्ताओं के लिए यह राशि क्रमशः 100 रुपए और 25 रुपए है।
इस केस में दिया फैसला
Gaurav Kumar v. Union of India
W.P.(C) No. 352/2023 and connected cases.
Date of decision: 30/07/24
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें