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इंदौर में तहसीलदार, पटवारी की टीम पर फायरिंग करने वाले दबंग नेता जी सुरेश पटेल (suresh patel ) को हाईकोर्ट (High Court) से स्टे मिल गया है। लेकिन यह स्टे अतिक्रमण (Encroachment) तोड़ने की कार्रवाई पर तब मिला जब सुबह नौ बजे ही पूरी महलनुमा कोठी ढहा दी गई। यानी इस स्टे का कोई मतलब नहीं रहा है, अब अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को रखी गई है।
यह हुआ सुनवाई में
सुरेश पटेल की ओर से अधिवक्ता आकाश राठी ने पक्ष रखा और कहा कि हमे सुनवाई का मौका नहीं दिया गया है और एक दिन पहले ही अतिक्रमण कार्रवाई को लेकर नोटिस दिया गया। वहीं शासकीय पक्ष एडिशनल एडवोकेट सुदीप भार्गव ने रखा और कहा कि पूरी प्रक्रिया में नोटिस देकर कार्रवाई की गई है।
हाईकोर्ट ने यह दिया फैसला
इसके बाद जस्टिस प्रणय वर्मा ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता सुरेश पटेल को स्टे दे दिया। आदेश में कहा गया कि अब संबंधित पक्षकर (नगर निगम, निगमायुक्त और बिल्डिंग ऑफिसर ) द्वारा अगली सुनवाई तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी और मौके पर यथास्थिति बनाकर रखी जाएगी। चार सप्ताह में सभी पक्षकार जवाब पेश करेंगे।
हाई कोर्ट का आदेश
सुबह पांच बजे पहुंच गई टीम
हाईकोर्ट में सुनवाई सुबह साढ़े दस से पहले ही सुबह पांच बजे रिमूवल अमला मौके पर आठ से ज्यादा बुलडोजर लेकर पहुंच गए थे। सुबह नौ बजे तक तीन घंटे की कार्रवाई में पूरी कोठी को नेस्तनाबूद कर दिया। इस दौरान एसडीएम घनश्याम धनगर, एसडीएम निधि वर्मा, नगर निगम से लता अग्रवाल , तहसीलदार शैवाल सिंह, शिवलशंकर जारोलिया, कमलेश कुशवाहा के साथ भारी पुलिस बल मौजूद था।
ऐसी थी अवैध महलनुमा कोठी
बरदरी और भौरांसला के बीच कांकड की भौरांसला सर्वे नंबर 84/1 की जमीन सरकारी है। यह पांच हेक्टेयर जमीन पर नेताजी पटेल का कब्जा है। यहां उनकी अवैध महलनुमा कोठी बनी हुई थी। कोठी के अंदर बड़ा दो मंजिला मकान था। करीब 150 फीट लंबी छह फीट ऊंची बाउंड्रीवाल है और 20 फीट से भी ऊंचा लंबा-चौड़ा लोहे का गेट लगा हुआ था। अंदर लंबी-चौड़ी सरकारी जमीन कब्जे में थी। इसके साथ ही एक अन्य मकान लगा हुआ था जो जानकी नेताजी के नाम से बना हुआ था। यह भी टूट गया है।
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