पत्नी की बक-बक से परेशान पति ने मांगा तलाक, कोर्ट में कहा- जज साहब...
भोपाल में एक व्यक्ति ने तलाक का मामला अदालत में दायर किया है, जो अजीबोगरीब वजह के कारण सुर्खियों में है। तलाक के लिए पेश किए गए आधार ने न केवल कानूनी विशेषज्ञों, बल्कि आम लोगों का भी ध्यान आकर्षित किया है।
भोपाल के फैमिली कोर्ट में एक अनोखा तलाक का मामला सामने आया है, जिसमें पति ने पत्नी की बातूनी आदत को तलाक का आधार बनाया है। सात साल पहले हुई यह शादी अरेंज मैरिज थी, और कपल की एक साढ़े तीन साल की बेटी भी है। शादी के शुरुआती दिनों में सब कुछ सामान्य था, लेकिन धीरे-धीरे पति ने महसूस किया कि उसकी पत्नी का बहुत ज्यादा बोलना उसके जीवन में परेशानी का कारण बन रहा है।
पत्नी की बोलने की आदत से परेशान
पति, जो कि भोपाल की एक प्राइवेट फर्म में काम करता है, का कहना है कि उसकी पत्नी बिना जरूरत हर बात पर अपनी राय देती है। उसने पहले पत्नी को कम बोलने की सलाह दी, लेकिन यह विवादों का कारण बन गया। बात इतनी बढ़ गई कि पत्नी मायके चली गई। दो साल से महिला अपने मायके में रह रही है, लेकिन शादी तोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
माता-पिता की खींचतान में बेटी प्रभावित
इस विवाद में सबसे अधिक प्रभावित उनकी साढ़े तीन साल की बेटी हो रही है। पति और पत्नी दोनों ही बेटी की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। दोनों का कहना है कि बेटी की वजह से वे दूसरी शादी नहीं कर पाएंगे। यह स्थिति मासूम बच्ची के भविष्य को अधर में डाल रही है।
कोर्ट में पति की गुहार: तलाक दिलवाइए
पति ने कोर्ट में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वह पत्नी की आवाज और उसकी बातूनी आदत को और बर्दाश्त नहीं कर सकता। उसने जज से निवेदन किया कि उसे तलाक दिया जाए, ताकि वह मानसिक शांति पा सके। वहीं, पत्नी का कहना है कि वह इस शादी को बचाना चाहती है और तलाक के खिलाफ है।
FAQ
1. भोपाल में तलाक का यह मामला क्यों खास है?
पति ने पत्नी की बातूनी आदत को तलाक का आधार बनाया है, जो बेहद असामान्य और चर्चा का विषय है।
2. कपल के बीच कितने समय से विवाद चल रहा है?
दोनों के बीच पिछले दो साल से विवाद चल रहा है, और पत्नी मायके में रह रही है।
3. क्या कपल का कोई बच्चा है?
हां, उनकी साढ़े तीन साल की बेटी है, जो माता-पिता के बीच विवाद से प्रभावित हो रही है।
4. क्या पत्नी तलाक के लिए तैयार है?
नहीं, पत्नी इस शादी को बचाना चाहती है और तलाक के खिलाफ है।
5. इस मामले में कोर्ट का क्या फैसला हो सकता है?
कोर्ट दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद ही फैसला करेगा। वर्तमान में मामला विचाराधीन है।