MP News: मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच ताप्ती-बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना पर एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस परियोजना पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी भूजल पुनर्भरण योजनाओं में से एक मानी जा रही है। इसके तहत ताप्ती नदी की तीन धाराओं का विकास किया जाएगा, जिससे दोनों राज्यों में सिंचाई, पेयजल और जल आपूर्ति की समस्याओं का समाधान होगा।
इस परियोजना से मध्य प्रदेश में 1 लाख 23 हजार 82 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 2 लाख 34 हजार 706 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। केंद्र सरकार इस परियोजना के लिए 90% वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे दोनों राज्यों के बीच सहयोग और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
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परियोजना का मकसद
यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी भूजल पुनर्भरण योजनाओं में से एक मानी जा रही है। इसके माध्यम से ताप्ती नदी के जल का उपयोग सिंचाई, पेयजल और जल आपूर्ति के लिए किया जाएगा। इससे दोनों राज्यों में जल संकट की समस्या का समाधान होगा और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।
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सिंचाई सुविधा का विस्तार
इस परियोजना से मध्य प्रदेश में 1 लाख 23 हजार 82 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 2 लाख 34 हजार 706 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। इससे बुरहानपुर, नेपानगर, छिंदवाड़ा, खालवा और खकनार जैसे जिलों में कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा।
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केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता
केंद्र सरकार इस परियोजना के लिए 90% वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसे दोनों राज्यों के बीच सहयोग और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना दोनों राज्यों के जल संसाधनों के साझा उपयोग को सुनिश्चित करेगी।
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पुनर्वास की आवश्यकता नहीं
परियोजना के तहत कोई भी गांव प्रभावित नहीं होगा, इसलिए पुनर्वास की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे परियोजना के क्रियान्वयन में कोई अड़चन नहीं आएगी और समय सीमा के भीतर परियोजना पूरी की जा सकेगी।
भविष्य की योजनाएं और सहयोग
सीएम मोहन यादव ने कहा कि इस परियोजना के सफल होने के बाद दोनों राज्यों के बीच अन्य परियोजनाओं पर भी सहयोग बढ़ाया जाएगा। उन्होंने ताप्ती और कन्हान नदी की परियोजनाओं को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बातचीत की हैं।
ताप्ती बेसिन