मध्य प्रदेश के शहरों में जल्द ही प्रॉपर्टी टैक्स और उपभोक्ता शुल्क बढ़ सकता है। सूबे के महापौरों ने नगरीय विकास विभाग से टैक्स और शुल्क में बढ़ोतरी की मांग की है। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें प्रॉपर्टी टैक्स को 10% से बढ़ाकर 15% और उपभोक्ता शुल्क को 15% से बढ़ाकर 25% करने की बात कही गई है। यह प्रस्ताव अब विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मंजूरी का इंतज़ार कर रहा है।
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महापौरों ने उठाई टैक्स बढ़ाने की मांग...
महापौरों का कहना है कि कई नगरीय निकायों में पिछले 10-15 साल से टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। लेकिन, लोगों को सुविधाएँ देने की लागत लगातार बढ़ रही है। निकायों की आय सीमित है, जिससे विकास कार्यों में दिक्कत हो रही है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि महापौरों ने मंत्री के साथ बैठक में यह मुद्दा उठाया और आय बढ़ाने के लिए टैक्स व शुल्क बढ़ाने का सुझाव दिया।
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निकायों को मिलें ज्यादा अधिकार...
टैक्स बढ़ोतरी के अलावा, सरकार ने नगरीय निकायों को पहले ही ज़्यादा वित्तीय अधिकार दे दिए हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों के महापौर अब 10 करोड़ रुपये तक के काम स्वीकृत कर सकते हैं। छोटे नगर निगमों के महापौर को 5 करोड़ तक की शक्ति मिली है। आयुक्त और महापौर परिषद के अधिकार भी दोगुने कर दिए गए हैं, ताकि निकाय अपनी ज़रूरतों के हिसाब से फ़ैसले ले सकें।
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जानिए कितना बढ़ेगा टैक्स और शुल्क...
प्रस्ताव के मुताबिक, प्रॉपर्टी टैक्स में 5% की बढ़ोतरी (10% से 15%) और उपभोक्ता शुल्क में 10% की बढ़ोतरी (15% से 25%) हो सकती है। हाल ही में भोपाल नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स में 10% और पानी व ठोस अपशिष्ट शुल्क में 15% की बढ़ोतरी की है। अगर यह प्रस्ताव मंज़ूर हुआ, तो पूरे प्रदेश के शहरों में यह नई दरें लागू हो सकती हैं।
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मंजूरी मिलते ही नियमों में होंगे बदलाव...
नगरीय विकास विभाग ने टैक्स और शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अब यह मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पास भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही मंत्री की मंज़ूरी मिलेगी, नियमों में बदलाव कर इसे लागू कर दिया जाएगा। इससे नगरीय निकायों की आय बढ़ेगी, लेकिन आम लोगों की जेब पर बोझ भी बढ़ सकता है।