इंदौर कलेक्टोरेट में 50 लाख की रिश्वत के आरोपों में कलेक्टर ने शुरू कराई जांच

इंदौर कलेक्टोरेट में रिश्वतखोरी के आरोपों ने प्रशासन को झकझोर दिया है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं, पटवारी सस्पेंड हो चुके हैं और नायब तहसीलदार को नोटिस जारी किया गया है।

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Sanjay Gupta
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इंदौर कलेक्टोरेट में नायब तहसीलदार, पटवारी के साथ मध्यस्थ के बने गठजोड़ द्वारा 50 लाख की रिश्वत मांगे जाने के मामले में संकुल में सनसनी मच गई है। इस मामले में पटवारी सस्पेंड हो चुके हैं और नायब तहसीलदार को नोटिस हो जारी हो गया है। वहीं अब इस मामले की जांच के आदेश इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने दे दिए हैं।

कलेक्टर सिंह यह बोले 

कलेक्टर सिंह ने सोमवार को रिश्वतकांड के सवाल पर मीडिया से कहा कि इस संबंध में शिकायत मिली थी और ऑडियो भी थी, इसके आधार पर पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। 

नायब तहसीलदार की भूमिका की जांच हो रही है, हालांकि उनकी कोई रिकॉर्डिंग नहीं थी। लेकिन उनकी भी जांच के आदेश दिए गए हैं, एसडीएम द्वारा नायब तहसीलदार की भूमिका की जांच की जा रही है। इसकी रिपोर्ट के बाद आगे कार्रवाई होगी। 

इन अधिकारियों पर लगे हैं गंभीर आरोप

इंदौर मल्हारगंज के नायब तहसीलदार नागेंद्र त्रिपाठी के साथ ही भांग्या के पटवारी ओम त्रिपेश के साथ ही एक मध्यस्थ शान पटेल पर यह गंभीर आरोप लगे हैं।

आरोप है कि इंदौर उज्जैन रोड स्थित एक होटल व्यवसायी की संपत्ति के नामांतऱण केस में यह रिश्वत मध्यस्थ शान पटेल के जरिए मांगी गई। आरोप यह भी है कि शान पटेल लगातार नायब तहसीलदार के ही चेंबर में मिलता था और यहीं पर बात होती थी। 

रेसीडेंसी बुलाने के आरोप, पटवारी की आडियो सामने आई

इस मामले में आरोप है कि पहले फरियादी के अधिवक्ता राहुल दवे द्वारा इस मामले में डील की कोशिश की और दवे को कहा गया कि वह शान पटेल से बात कर लें। लेकिन जब उन्होंने 50 लाख की रिश्वत बोली तो होश उड़ गए और मना कर दिया।

 इसके बाद पटवारी ने सीधे पार्टी को फोन लगा दिया और कहा कि साहब (त्रिपाठी) छुट्टी पर जा रहे हैं, जल्द आकर रेसीडेंसी में मिल लो। इसके बाद फरियादी से रेसीडेंसी पर मुलाकात हुई।

शिकायतकर्ता ने यह लगाए आरोप

शिकायतकर्ता का कहना है कि वह रेसीडेंसी पर पहुंचे, वहां अंदर शान पटेल और नायब तहसीलदार कार में बैठे थे, दोनों आगे की सीट पर थे और पटवारी को बाहर खड़ा कर दिया, पीछे की सीट पर फरियादी बैठा।

इस दौरान फिर 50 लाख की बात कही गई और कहा गया कि जैसा आप चाहते हो वह करके दे देंगे। लेकिन बात नहीं बनी, इसी बीच उन्हें कुछ ऐसी बात कही गई कि नहीं तो काम पूरा बिगड़ जाएगा उससे वह तनाव में आ गए।

इसके बाद मामले में कलेक्टर को शिकायत कर दी गई। इसके  आड़ियो भी उच्च अधिकारियों को मिल चुके हैं। इसके आधार पर ही पटवारी को सस्पेंड किया गया और नायब तहसीलदार को नोटिस जारी हो चुके हैं। 

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क्या बोल रहे नायब तहसीलदार

नायब तहसीलदार त्रिपाठी का कहना है कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है, मेरी किसी से कोई बातचीत भी नहीं हुई, जब मामला उठा तब मैंने फाइल की जानकारी ली, इसमें खुद फरियादी गलत नाम पर संपत्ति का नामांतरण चाहते हैं।

 मैं किसी मध्यस्थ शान पटेल को भी नहीं जानता हूं। रही बात पटवारी की तो उन्होंने क्या किया मुझे नहीं मालूम, लेकिन मेरी किसी से कोई चर्चा नहीं हुई। नोटिस मिला है, इसका जवाब मैं दे दूंगा।

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