MP सरकार का बड़ा फैसला, अब शिक्षकों की लापरवाही सामने आने पर होगी वेतन में कटौती
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति लंबे समय से सवालों के घेरे में रही है। खुद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने भी स्वीकार किया है कि प्रदेश के कई जिलों में शिक्षक नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते।
MP News : मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। स्वयं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी यह स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश के कुछ जिलों में शिक्षक नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते, बल्कि उनकी जगह अन्य लोग पढ़ाने जाते हैं। इसके अलावा, कई शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं। इस स्थिति में सुधार लाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है
ऐसे करेंगे सख्ती
शिक्षकों की उपस्थिति अब बायोमेट्रिक सिस्टम से दर्ज की जाएगी।
‘सार्थक’ ऐप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन ट्रैक की जाएगी।
इस ऐप की मदद से न सिर्फ लोकेशन की निगरानी होगी, बल्कि अन्य जरूरी गतिविधियों की भी जानकारी जुटाई जाएगी।
निर्देशों की अनदेखी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ वेतन में कटौती जैसे कड़े कदम उठाए जाएंगे।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की गैरहाजिऱी पर लगाम लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने इस दिशा में एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत प्रदेश के लगभग चार लाख शिक्षकों की उपस्थिति अब ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके लिए विभाग "सार्थक एप" का उपयोग करेगा।
ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी
जुलाई में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जैसे ही स्कूल दोबारा खुलेंगे, शिक्षकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इस बार उपस्थिति दर्ज करने के लिए चेहरा पहचान प्रणाली (फेस रिकग्निशन) का उपयोग होगा, जिससे उन शिक्षकों पर रोक लगेगी जो अपनी जगह किसी और को पढ़ाने भेजते हैं।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह प्रणाली सबसे पहले उज्जैन और नरसिंहपुर जिलों में लागू की जाएगी। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए हर जिले से दो-दो प्रोग्रामरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति
प्रदेश के कुल 99,145 स्कूलों में से सिर्फ 8,051 स्कूलों में ही विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जा रही है। इसका मतलब है कि 91,094 स्कूल अब भी इस अनिवार्य प्रणाली का पालन नहीं कर रहे हैं, जबकि यह व्यवस्था ऐच्छिक नहीं बल्कि आवश्यक रूप से लागू की गई थी।
ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की यह व्यवस्था तीन बार यानि साल 2017, 2020 और 2022 में शिक्षा मित्र एप के माध्यम से लागू की गई, लेकिन हर बार असफल रही। शिक्षकों ने कभी स्मार्टफोन की कमी का हवाला दिया तो कभी नेटवर्क की समस्या का, जिससे यह प्रणाली कभी पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी।
अब नहीं होगी गड़बड़ी, उपस्थिति होगी सटीक
ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पहले एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की जाती थी। यह एप नेटवर्क न होने की स्थिति में भी उपस्थिति दर्ज कर लेता था और जैसे ही नेटवर्क मिलता, डेटा अपडेट हो जाता था। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई बार गड़बडय़िां सामने आईं। अब इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए शिक्षकों की उपस्थिति सार्थक एप के माध्यम से दर्ज की जाएगी, जिसमें चेहरा पहचान कर उपस्थिति ली जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति "सार्थक एप" से सुनिश्चित की जाएगी। इसे इस बार बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा और जुलाई से इसका उपयोग अनिवार्य कर दिया जाएगा।
छुट्टी के लिए भी एप पर कर सकेंगे आवेदन
सार्थक एप केवल उपस्थिति दर्ज करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे शिक्षक अपनी लोकेशन की जानकारी के साथ-साथ अन्य ज़रूरी कार्य भी कर सकेंगे। अब कर्मचारी व शिक्षक अवकाश के लिए आवेदन भी इसी एप के माध्यम से कर सकेंगे और शासन से होने वाला पत्राचार भी यहीं से किया जा सकेगा।