मध्य प्रदेश में इन दिनों भाड़े के शिक्षक चर्चा का विषय बने हुए हैं। असली शिक्षक अपनी जगह ठेके पर शिक्षक रखकर अन्य व्यक्ति को पढ़ाने के लिए भेज रहे हैं। साथ ही बच्चों का भविष्य संवारने के लिए नियुक्त किए गए असली शिक्षक केंद्रीय मंत्री और राजनेताओं की सेवा में व्यस्त हैं। इस मामले में सरकारी शिक्षकों पर दूसरे दिन भी कार्रवाई जारी रही। मंगलवार को बटियागढ़ बीईओ के निरीक्षण के दौरान शासकीय प्राथमिक शाला सेमर कछार में पदस्थ प्राथमिक शिक्षिका अनुपस्थित मिली।
शिक्षकों की फोटो नोटिस बोर्ड पर होगा चस्पा
जब जांच की गई तो पता चला कि उसने अपने स्थान पर पढ़ाने के लिए उसी गांव के एक व्यक्ति मंगल सिंह गोंड को रखा था, जिसे वह 3000 रुपये देती थी। जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में अब तक 6 शिक्षकों और 4 जन शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है। इस बीच लोक शिक्षण संचालनालय ने निर्देश दिया है कि स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की फोटो नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए, ताकि ऐसे मामलों पर रोक लग सके।
शिक्षक नियुक्त करने वाले सस्पेंड
वहीं, नर्मदापुरम के खोकसर एकीकृत माध्यमिक शाला में किराए के शिक्षक नियुक्त करने वाले सुरेश अतुलकर को प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के मुख्यालय पहुंचते ही फिर निलंबित कर दिया गया। अतुलकर को सोमवार को भी निलंबित किया गया था, लेकिन बाद में आदेश वापस ले लिया गया था। जनशिक्षक कुंवर सिंह बाडियया को भी निलंबित किया गया है।
सागर न्यूज: दूसरों को अपनी जगह पढ़ाने स्कूल भेज रहे थे शिक्षक, निलंबित
10 शिक्षकों पर गिरी गाज
बता दें कि प्रदेश के सागर जिले से भी ऐसी ही खबर सामने आई है। यहां पदस्थ शिक्षकों की जगह दूसरे लोग स्कूल में पढ़ा रहे थे। मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर ने कार्रवाई की है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इस पूरे मामले में कुल आठ शिक्षकों को भी निलंबित किया गया था। हालांकि, नर्मदापुरम के खोकसर एकीकृत माध्यमिक शाला में यह मामला सामने आने की बाद इनकी संख्या 10 हो गई है।
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