मध्य प्रदेश के सागर जिले के सरकारी स्कूलों से बड़ी खबर सामने आई है। यहां पदस्थ शिक्षकों की जगह दूसरे लोग स्कूल में पढ़ा रहे थे। मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर ने कार्रवाई की है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस पूरे मामले में कुल आठ शिक्षकों को निलंबित भी किया गया है।
पांच शिक्षक को तुरंत किया गया सस्पेंड
सागर कलेक्टर ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने को भी कहा है। खबरों के मुताबिक, कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी और खंड संसाधन समन्वयक मालथौन ने कल माध्यमिक शाला भेलैया और प्राथमिक शाला मझेरा का औचक निरीक्षण किया और संयुक्त जांच कर रिपोर्ट सौंपी। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, रूप सिंह चढ़ार, इंद्र विक्रम सिंह परमार, अनिल मिश्रा, श्रीमती जानकी तिवारी और अवतार सिंह ठाकुर को दोषी पाया गया है। इन पांचों को सोमवार को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
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जिला शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा?
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि निलंबित शिक्षकों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है। तीन जनशिक्षकों में जनपद शिक्षा केंद्र खुरई के प्रभारी जनशिक्षक भोलाराम अहिरवार, जैसीनगर ब्लॉक के जनपद शिक्षा केंद्र के जनशिक्षक हरिशंकर लोधी और मालथौन जनपद शिक्षा केंद्र के जगभान अहिरवार ने निगरानी निरीक्षण नहीं किया। इसके चलते इन तीनों को निलंबित भी कर दिया गया है।
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शिकायत मिलने पर हुई जांच
गौरतलब है कि इस मामले में शिक्षा विभाग ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों और संकुल प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिला कलेक्टर ने बताया कि निलंबित शिक्षक खुद बच्चों को नहीं पढ़ाता था, बल्कि उसने अपनी जगह शिक्षक रख लिए थे। कलेक्टर को इस संबंध में शिकायत मिली थी। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
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