भिंड के मौ तहसील में पदस्थ तहसीलदार माला शर्मा ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एसडीएम पराग जैन पर मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनके 6 साल के बेटे की तबीयत खराब है, जो ग्वालियर के अस्पताल में भर्ती है, लेकिन वह बेटे के साथ रहने में असमर्थ हैं। उन्हें मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है और जब भी वह ग्वालियर जाने की इच्छा जाहिर करती हैं, तो कई सवाल किए जाते हैं। उनके अनुसार, जब भी वह काम के लिए परमिशन मांगती हैं, तो उन्हें कोई उत्तर नहीं मिलता।
कलेक्टर- एसडीएम रच रहे षड्यंत्र- शर्मा
हालांकि, तहसीलदार माला शर्मा खुद भी विवादों में घिरी रही हैं। उन पर जमीन खरीद-फरोख्त और जब्त सरसों के गलत उपयोग के आरोप हैं। माला शर्मा ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कलेक्टर और एसडीएम षड्यंत्र रच रहे हैं और उनका अपमान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वह अधिकारियों से मिलने जाती हैं, तो उन्हें चार-चार घंटे इंतजार कराया जाता है।
शर्मा ने लगाए मानसिक प्रताड़ना के आरोप
तहसीलदार माला शर्मा ने राज्य महिला आयोग को भी इस मामले में एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कलेक्टर द्वारा मानसिक प्रताड़ना और 4 महीने में 10 से अधिक नोटिस मिलने की शिकायत की है। उन्होंने अपने खिलाफ लगे जमीन खरीदने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिस जमीन की बात की जा रही है, वह किसी अन्य व्यक्ति ने खरीदी है, जिसका नाम उनके पति से मिलता है, लेकिन पिता का नाम अलग है। माला शर्मा ने अपने पति का आधार कार्ड भी अधिकारियों को दिया है, लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है।
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मौ तहसील में अधिकारों का हनन: माला शर्मा की शिकायत
- एसडीएम पराग जैन पर भी माला शर्मा ने जबरन दबाव बनाने और कलेक्टर को उनके खिलाफ गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनके अधिकार छीनकर अन्य अधिकारियों को दिए गए हैं। माला शर्मा का कहना है कि मौ तहसील में उनके अधिकार नायब तहसीलदार उदय सिंह जाटव को दे दिए गए हैं और उनकी राजस्व की आईडी बंद करा दी गई है।
- कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने माला शर्मा पर लोगों से पैसे लेने और गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि माला शर्मा ने एक कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने के लिए निजी भूमि से रास्ता दिलवाने का दबाव डाला था और जब जैन ने रास्ता देने से मना किया, तो माला शर्मा ने उस जमीन को सरकारी घोषित कर दिया। जांच में यह आरोप सही पाया गया।
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