84 मंदिरों की जमीन नीलामी के लिए तैयार, मंदिरों को मिलेगी अतिरिक्त आय

मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में 84 शासकीय मंदिरों की कृषि भूमि को लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे ज़िले के मंदिरों को को अतिरिक्त आय मिलेगी। अभी तक चार मंदिरों की नीलामी से 3.65 लाख रुपये की आय प्राप्त है चुकी है।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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Temples land in Shajapur will be auctioned
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MP News: मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में स्थित 84 शासकीय मंदिरों की कृषि भूमि को नीलामी के माध्यम से लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसका उद्देश्य इन मंदिरों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीर्णोद्धार, मरम्मत और रखरखाव के लिए आर्थिक संसाधन जुटाना है।

पहले चरण में 4 मंदिरों की भूमि नीलाम

हाल ही में शाजापुर तहसील क्षेत्र में प्रशासन द्वारा पहले चरण में 4 मंदिरों की भूमि को नीलाम (Auction) किया गया है, जिससे एक वर्ष के लिए 3.65 लाख रुपये की आय प्राप्त हुई। यह राशि सीधे संबंधित मंदिरों के खातों में जमा कराई गई है। प्रशासन का कहना है कि सभी 84 मंदिरों की भूमि की नीलामी चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

नीलामी का कारण और प्रक्रिया

इन शासकीय मंदिरों की कृषि भूमि वर्षों से बिना उपयोग के पड़ी थी, जिससे कोई आय नहीं हो रही थी। इसके चलते मंदिरों के रखरखाव के लिए शासन से लगातार सहायता मांगी जा रही थी।

धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किए कि मंदिरों की कृषि भूमि को लीज  (Lease) पर दिया जाए ताकि मंदिरों को नियमित आय प्राप्त हो सके।

ऐसे की गई प्रक्रिया

  • तहसील स्तर पर सभी मंदिरों की कृषि भूमि का सर्वेक्षण किया गया।
  • प्रति हेक्टेयर न्यूनतम बोली राशि 40,000 रुपये तय की गई।
  • ओपन ऑक्शन के माध्यम से भूमि लीज पर दी गई।
  • कब्जा करने वालों पर सख्त कार्रवाई

प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जा करता है या नीलामी के बाद कब्जा नहीं छोड़ता, तो उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई भी की जाएगी।

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पुजारियों को भी मिलेगा लाभ

यदि किसी मंदिर के पास 10 एकड़ तक की कृषि भूमि है और वहां नियमित पुजारी नियुक्त हैं, तो उससे होने वाली आय का उपयोग पुजारी स्वयं कर सकते हैं। यदि भूमि 10 एकड़ से अधिक है, तो अतिरिक्त भूमि की नीलामी की जाएगी और उससे प्राप्त आय मंदिर के खाते में जमा की जाएगी।

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