Thesootr का स्थापना दिवस आज: प्रो पब्लिक पत्रकारिता से जीता पाठकों का भरोसा

Thesootr आज अपना तीसरा स्थापना दिवस मना रहा है। हम आभारी हैं, सभी पाठकों के जिन्होंने भेड़चाल के बीच दबाव मुक्त और भरोसेमंद पत्रकारिता को न सिर्फ पसंद किया, बल्कि उसे प्रमोट भी किया। शुगर फ्री पत्रकारिता का यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा…

Advertisment
author-image
CHAKRESH
एडिट
New Update
Thesootr third foundation day today
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

1 जुलाई 2021...

यह वही दिन था, जब धूप थी।

यह वही वक्त था, जब देश में मीडिया की भीड़ थी।

तो 

सफर में धूप तो थी, पर हम चले 

सभी थे भीड़ में, पर हम आगे निकले। 

खबरों से सनसनी पैदा करना हमें नहीं आता। 

हमें तो आता है अपने दर्शकों और पाठकों के विश्वास की रक्षा करना। 

हमें नहीं आता दो दिन की वाहवाही लूटना।

हमें आती है सच्ची और सटीक पत्रकारिता की बारहखड़ी।

हम एंटी गर्वनमेंट नहीं, प्रो पब्लिक हैं। 

हम क्लिक बिट की पत्रकारिता नहीं करते। 

हम वो करते हैं, जो दूसरे करने का साहस भी नहीं जुटा पाते।  

हम अपने नाम-  thesootr को जीते हैं, चरितार्थ करते हैं, 

क्योंकि हम कमरे के बाहर की खबरें नहीं, अंदरखाने की खबरें लाते हैं।

Thesootr यानी शुगर फ्री न्यूज

समय की कसौटी पर 'द सूत्र' के सफर में एक वर्ष और जुड़ गया। हमारे नन्हें कदम तीन पायदान चढ़ गए। हमें पक्का यकीन है कि हम शिखर पर पहुंचेंगे पाठकों और दर्शकों के दम पर। 

हम हर दिन को उत्सव की तरह मनाते हैं। नए उत्साह और नए संकल्पों का सूत्रपात करते हैं। 

पाठकों के स्नेह ने 'द सूत्र' के संकल्पों को दृढ़ता का आधार दिया है। हमारे कदमों को मजबूत किया है। हमें यह कहते हुए गर्व है कि 'द सूत्र' अपनी पहचान पर कायम है… क्योंकि हमारा ध्येय वाक्य ही है कि 

हम सिर्फ भगवान से डरते हैं...

हम ना तो खबरों की जलेबी बनाते हैं और ना ही उसे चाशनी में डुबाते हैं। द सूत्र के हर प्लेटफॉर्म पर पाठकों को मिलती हैं शुगर फ्री न्यूज।

तीन वर्षों का हमारा सफर आसान नहीं था, लेकिन हमारे कदम कभी डगमगाए नहीं। ईश्वर ने हमारी कई कड़ी परीक्षाएं भी लीं, कई प्रलोभन भी सामने आए। समय के साथ पत्रकारिता के आयाम भी बदले, पर हम नहीं बदले और ना ही आगे बदलेंगे। 

वैसे भी द सूत्र का दर्शन है कि हमें सिर्फ बाइट जुटाने वाले रिपोर्टर या दूसरे सोर्सेज से टीप कर खबर लिखने बताने वाले कॉपी राइटर नहीं चाहिए और ना ही सूचना का आदान प्रदान करने वाले पत्रकार, इसीलिए हम कहते हैं... 

we don't need journalists we need thinkers

हम महज कंटेंट खड़ा नहीं करते, बल्कि हमारी हर खबर के मायने होते हैं। 

द सूत्र की हर खबर के केंद्र में होता है...

  • IDEA  
  • IN-DEPTH 
  • INVESTIGATION
  • INTERESTING 
  • ISSUE 
  • INNOVATION
  • IMPACT 
  • IMPARTIAL और
  • INCREDIBLE कंटेंट

मीडिया उतावला है- सरकारों के साथ हाथ मिलाकर चलने को, लेकिन इस परिवेश में 'द सूत्र' अपने मीडिया होने के हर दायित्व को उसी संकल्प के साथ पूरा कर रहा है, जिस संकल्प के साथ हमने इसकी शुरुआत की थी। 

और हमें इस बात की प्रसन्नता और गर्व है कि आज द सूत्र जनता की आकांक्षाओं और विश्वास का सटीक दस्तावेज है। 

हम सरकार पोषित नहीं, समाज पोषित हैं, इसीलिए हम पालकी नहीं सवाल उठाते हैं। हम अपने ध्येय पर हमेशा से कायम थे और आगे भी रहेंगे। 

दबाव से, प्रभाव से विचलन जिस दौर में सहज संभावी हो, वहां यदि हम स्थिर हैं, काबिज हैं तो वजह क्या हम हैं...नहीं... वजह हैं आपके वे लाखों हाथ, जिन्होंने हमने मजबूती से थामा हुआ भी है और हमारे सिर पर स्नेहिल भाव भी बनाए हुए हैं...सिर्फ इसी अहसास को जीवित और जाग्रत रखिएगा क्योंकि यही हमारी ताकत है। 

हम नतमस्तक और आभारी हैं आपके..क्योंकि आपकी सहभागिता, समर्थन और सहयोग के बिना 'द सूत्र' की यह यात्रा नामुमकिन थी। 

आपका अपनत्व हमें हर पल अनूठा करने की प्रेरणा देता है। 

हम वादा करते हैं आपका ये भरोसा कभी टूटने नहीं देंगे। 

इसी संकल्प के साथ पुनः आभार... 

TheSootr Thesootr का तीसरा स्थापना दिवस