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MP News: बालाघाट के सोनेवानी अभयारण्य में बाघ की मौत के बाद वन विभाग ने सख्त कार्रवाई की। बाघ की मृत अवस्था के फोटो व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा होने के बाद विभाग ने छह चौकीदारों को गिरफ्तार किया और दो अधिकारी हिमांशु घोरमारे, वनरक्षक और टीकाराम हनोते, वनपाल को निलंबित कर दिया। वहीं इस पूरे मामले में बालाघाट DFO को नोटिस जारी किया गया है।
वन विभाग में हड़कंप
बालाघाट जिले के सोनेवानी अभयारण्य में बाघ की मृत अवस्था का मामला सामने आया। यह जानकारी एक व्हाट्सएप ग्रुप पर बाघ के शव के फोटो के साथ साझा की गई। इससे वन विभाग में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सर्च ऑपरेशन चलाया। बाघ के शव के अवशेष सोनेवानी क्षेत्र के बीट क्रमांक 443 से बरामद किए गए।
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बाघ के शव के अवशेषों की खोज
सर्च ऑपरेशन के दौरान वन विभाग को बाघ के दो से तीन अवशेष मिले। इससे पहले बाघ के शव को गुप्त रूप से जलाने का संदेह था। विभाग ने तुरंत जांच शुरू की और 6 चौकीदारों को हिरासत में लिया। पूछताछ में वन विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारी भी मामले में शामिल पाए गए।
निलंबन की कार्रवाई
जांच में खुलासा हुआ कि बाघ के शव को तीन बार स्थानांतरित किया गया और जलाया गया। इसमें वन विभाग के डिप्टी रेंजर और वनरक्षक भी लिप्त पाए गए, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई वन मंडल अधिकारी की ओर से की गई और दोनों अधिकारी फिलहाल फरार हैं।
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गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
वन विभाग ने छानबीन के बाद छह चौकीदारों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों में हरिलाल (49 वर्ष), मानसिंह (40 वर्ष), देवसिंह (34 वर्ष), शिव कुमार (37 वर्ष), अनुज (23 वर्ष) शामिल हैं। उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। इन आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और वन्यजीव संरक्षण संशोधित अधिनियम 2022 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी
👉 पहले यह संदेह था कि बाघ के शव को गुप्त रूप से जलाया गया है। सर्च ऑपरेशन के दौरान वन विभाग को बाघ के दो से तीन अवशेष मिले, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई। 👉 जांच में यह खुलासा हुआ कि बाघ के शव को तीन बार स्थानांतरित किया गया और जलाया गया। इसमें वन विभाग के डिप्टी रेंजर और वनरक्षक भी शामिल पाए गए। उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, छह चौकीदारों को गिरफ्तार किया गया। |
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। उन्हें न्यायालय में पेश किया गया है। विभाग ने कहा है कि बाघों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और इसके संशोधित अधिनियम 2022 की धारा 2(16सी), 39, 48ए, 50, 51, 52, 57 के तहत पंजीबद्ध किया गया है। विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी आरोपी कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे। बाघों की सुरक्षा के लिए विभाग प्रतिबद्ध रहेगा।
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