/sootr/media/media_files/2025/04/20/dIGQlY8tFMLuz0kpQW3v.jpg)
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने का मामला अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर तक पहुंच गया है। सीबीआई (Central Bureau of Investigation) और एसआईटी (Special Investigation Team) ने ग्वालियर के तीन तेल और घी कारोबारियों को नोटिस जारी किया है। इन कारोबारियों के नाम को लेकर सर्च वारंट जारी किया गया है, और सीबीआई की टीम ने ग्वालियर पहुंचकर उनके प्रतिष्ठानों में दस्तावेजों की जांच की है। यह मामला अब अधिक जटिल होता जा रहा है, और जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इन कारोबारियों का क्या कनेक्शन है इस मिलावट से।
ग्वालियर में कारोबारी फर्मों की जांच
सीबीआई और एसआईटी की टीम ने ग्वालियर के दाल बाजार में स्थित तीन कारोबारी फर्मों में छापेमारी की। इनमें राकेश कुमार, अजीत कुमार और मोहित अग्रवाल की फर्म सीपी ट्रेडिंग, और मोनू अग्रवाल के संस्थान शामिल हैं। टीम ने इन कारोबारियों के प्रतिष्ठानों में सर्च वारंट दिखाकर दस्तावेजों की जांच की और कुछ रिकार्ड जब्त किए। हालांकि, इन फर्मों का इस मामले से जुड़ाव स्पष्ट नहीं हो सका है।
खबर यह भी...तिरुपति लड्डू घोटाला: चार आरोपी गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेजों से की घी सप्लाई
तीन व्यापारियों की भूमिका का खुलासा नहीं
फर्मों की जांच के दौरान, व्यापारियों ने हल्का विरोध किया, जिसके बाद इंदरगंज थाना पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस बल के सहयोग से जांच जारी रही। इस दौरान व्यापारियों के बयान भी लिए गए। फिलहाल, यह पता नहीं चल सका है कि इन फर्मों का तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद विवाद से क्या कनेक्शन है। जांच एजेंसियों ने व्यापारियों को वारंट देकर तलब किया है और आगे की जांच जारी है।
कनेक्शन का रहस्य
यह मामला एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि कैसे इन तीन ग्वालियर के व्यापारियों का नाम इस मिलावटी प्रसाद मामले में आ गया। फिलहाल, जांच एजेंसियां इन कारोबारियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इनका संबंध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट से कैसे जुड़ता है।
खबर यह भी...गैर-हिंदू VRS लो या ट्रांसफर...तिरुपति मंदिर ट्रस्ट का अजीबोगरीब फरमान
कैसे शुरू हुआ यह विवाद?
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले साल सितंबर में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि मंदिर में श्रद्धालुओं को जो प्रसाद दिया जा रहा था, उसमें जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी, खासकर घी में। इस मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया था। इस टीम में सीबीआई के अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के अधिकारी और एफएसएसएआई (Food Safety and Standards Authority of India) से एक अधिकारी भी शामिल किए गए थे।
तिरुपति प्रसाद घी मिलावट मामले की पूरी टाइमलाइन
-
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद बनाने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
-
9 जुलाई 2025:
मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF Ltd.) भेजे। -
16 जुलाई 2025:
पशुधन लैब से रिपोर्ट आई, जिसमें एक फर्म के घी में मिलावट पाई गई। लैब ने कहा कि घी जानवरों की चर्बी और मछली के तेल से तैयार किया गया था, जिससे प्रसाद के लड्डू बनाए जा रहे थे। -
22 जुलाई 2025:
मंदिर ट्रस्ट ने बैठक की और 23 जुलाई को प्रसाद वाले घी के सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजे गए। -
18 सितंबर 2025:
लैब रिपोर्ट सामने आई, जिसमें फिर से मिलावट की पुष्टि हुई। -
18 सितंबर 2025:
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस कृत्य से हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ हुआ है और मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंची है।
thesootr links
-
मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
-
रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में चर्बी | विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर | Tirumala Tirupati Temple | Supreme Court Tirupati Laddu | Tirupati Laddu Controversy | MP News | Gwalior News