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तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम में मिलावट का मामला तूल पकड़ चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच टीम (SIT) की जांच में फर्जी दस्तावेज और अनियमितताओं का पता चलने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया। इन पर मिलावटी घी सप्लाई करने और टेंडर प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप है।
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गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?
गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में
विपिन जैन और पोमिल जैन: भोले बाबा डेयरी (रुड़की, उत्तराखंड) के पूर्व निदेशक
अपूर्व चावड़ा: वैष्णवी डेयरी (पूनमबक्कम) के सीईओ
राजू राजशेखरन: एआर डेयरी (डुंडीगल) के एमडी
CBI ने तीन दिनों तक इनसे पूछताछ की, लेकिन आरोपियों ने जांच में सहयोग नहीं किया।
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कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों और मुहरों का इस्तेमाल कर घी सप्लाई के टेंडर प्राप्त किए। इसके बाद गुणवत्ता परीक्षण के नाम पर रिकॉर्ड में हेरफेर किया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सप्लाई किए गए घी में पशु चर्बी के मिलावट के संकेत मिले हैं।
राजनीतिक विवाद भी बना मुद्दा
सितंबर 2023 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने यह गंभीर आरोप लगाया था कि पिछली सरकार के कार्यकाल में तिरुपति लड्डू में मिलावटी घी और चर्बी का उपयोग हुआ था। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये आरोप राजनीतिक लाभ के लिए लगाए जा रहे हैं। वहीं, टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) ने लैब रिपोर्ट के जरिए अपने दावों को प्रमाणित करने का प्रयास किया।
सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT मामले की गहनता से जांच कर रही है। टीम में CBI, आंध्र प्रदेश सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकारी शामिल हैं। वे तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की घी खरीद प्रक्रिया और गुणवत्ता परीक्षण के रिकॉर्ड की समीक्षा कर रहे हैं।
आगे के खुलासों की उम्मीद
CBI द्वारा की गई इन गिरफ्तारियों के बाद अब इस घोटाले में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है। श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े इस मामले ने धार्मिक और राजनीतिक दोनों ही क्षेत्रों में हलचल मचा दी है।
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