तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर संतों में नाराजगी, धीरेंद्र शास्त्री बोले- दोषियों को फांसी देनी चाहिए

अयोध्या मेंजगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि संत और धर्माचार्यों को मंदिरों का नियंत्रण सरकार से छीन लेना चाहिए। मंदिरों का रखरखाव संतों का काम है। सरकार का नहीं।

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Sandeep Kumar
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आंध प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद में चर्बी मिलाने की घटना को लेकर भारतीय संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। सबसे पहले बात करते हैं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने लड्डू के प्रसाद में चर्बी मिलने वाले दोषियों के खिलाफ फांसी की सजा दिलाने की मांग की है। वहीं रामकोट की परिक्रमा के लिए अयोध्या पहुंचे जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल मिलने को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा हैं। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि संत और धर्माचार्यों को मंदिरों का नियंत्रण सरकार से छीन लेना चाहिए। मंदिरों का रखरखाव संतों का काम है, सरकार का नहीं। इस पूरे मामले में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री ने इस पर कहा कि इस घटना से पूरा हिंदू समाज आक्रोशित है, हिंदुओं की भावनाओं के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया गया है।

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दोषियों के खिलाफ को फांसी मिले : धीरेंद्र शास्त्री

तिरुपति बालाजी में लड्डू के प्रसाद में मछली का तेल इस्तेमाल किए जाने के संबंध में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा बयान दिया हैं। उन्होंने कहा है कि दोषियों को फांसी जैसे दंड दिया जाना चाहिए। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri ) ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि यह अत्यंत चिंतनीय है। सनातन धर्म के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है। इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।

जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ने साधा निशाना

जगदगुरु शंकराचार्य ने कहा कि तिरुपति प्रसादम (Tirupati Prasadam ) मामले में जो भी दोषी हैं। उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि संत और धर्माचार्यों को मंदिरों का नियंत्रण सरकार से छीन लेना चाहिए। मंदिरों का रखरखाव संतों का काम है। सरकार का नहीं।

जानबूझकर प्रसाद को किया जाता है अपवित्र

विश्व हिंदू परिषद ( VHP ) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने कहा कि केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकार निष्पक्ष जांच कर तत्काल इस मामले पर कार्रवाई करें। मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण की वजह से राजनीति का प्रवेश होता है। उन्होंने कहा गैर हिंदू अधिकार नियुक्ति होने से जानबूझकर प्रसाद को अपवित्र किया जाता है। 

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