NEW DELHI. विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी की खबरें सुनकर हर कोई सन्न है। इसको लेकर सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है। मंदिर का प्रसाद बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल होता था उसकी जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। घी की जांच में जानवर की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की पुष्टि हुई है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े प्रसादम् लड्डू में मिलावट से हर कोई हैरान है।
एआर डेयरी को दिया था घी सप्लाई टेंडर
लड्डू बनाने वाले घी की जांच में यह भी सामने आया है। घी सप्लाई का टेंडर एआर डेयरी को दिया गया था। और तिरुपति बोर्ड मात्र 320 रुपए किलो के दर से घी खरीदता था। साथ ही नंदिनी घी का ठेका रद्द किया गया था। इसके बाद जुलाई में घी में मिलावट की रिपोर्ट के बाद एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड के साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया। साथ ही फिर से नंदिनी घी को ठेका दिया गया है। तिरुपति बोर्ड ने यह ठेका 470 रुपए प्रति किलो के भाव से दिया था।
टेंडर नियमों का उल्लंघन
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ठेका देने की नियमों का उल्लंघन किया गया था। लड्डू बनाने वाले घी को जांच के लिए नहीं भेजा गया था। टेंडर डॉक्यूमेंट के क्लॉज 80 के अनुसार आपूर्ति की गई घी की हर खेप के लिए एनएबीएल से मान्यता प्राप्त और FSSAI से स्वीकृत लैब से TTD को क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी है।
कैसे नहीं पकड़ी गई घी की मिलावट?
क्लॉज 81 के अनुसार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को घी के सैंपल को लैब टेस्टिंग के लिए भेजना अनिवार्य है। अब सवाल उठ रहे हैं कि अगस्त 2023 और जुलाई 2024 के बीच ब्लैक लिस्टेड कंपनी एआर डेयरी के पहले के सैंपल में घी की मिलावट कैसे नहीं पकड़ी गई? क्या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने एनएबीएल/लैब परीक्षण के लिए सैंपल नहीं भेजे? साथ ही क्या कंपनी ने उस बैच का एनएबीएल सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं किया जिसमें मिलावट पाई गई थी?
एआर डेयरी को किया ब्लैक लिस्ट
मामले में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के ईओ जे श्यामला राव का कहना है कि चारों सैंपल की रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे आए हैं। इसलिए मंदिर बोर्ड ने तुरंत घी सप्लाई रोक दी। एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट करने की प्रोसेस की गई है। आगे जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। मामले में कानूनी कार्रवाई भी होगी।
केंद्र ने मामले में मांगी रिपोर्ट
प्रसाद में मिलावट को लेकर केंद्र सरकार ने गंभीरता जताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात कर तिरुपति लड्डू मामले में रिपोर्ट मांगी है। जेपी नड्डा ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से इस मामले की जांच की जाएगी। साथ ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गुजरात की एक लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि प्रसाद के घी में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मौजूद है। इस पर सीएम नायडू ने तत्कालीन जगन मोहन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि जगन मोहन सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है।
इधर ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन गंभीर आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार के दौरान कोई उल्लंघन नहीं हुआ। उन्होंने सीएम नायडू पर भगवान के नाम पर सियासत करने का आरोप लगाया।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक