ट्रंप टैरिफ से MP को लगेगा सबसे बड़ा झटका, इस उद्योग में हो सकता है 2000 करोड़ रुपए का नुकसान

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जरिए लगाए गए टैरिफ का असर मध्य प्रदेश के कपास और टेक्सटाइल उद्योग पर पड़ेगा! इससे एमपी को 2000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। जानें विस्तार से...

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Amresh Kushwaha
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MP News: अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप टैरिफ के जरिए लगाए गए टैरिफ (Trump Tariff) का असर अब मध्य प्रदेश के कपास और टेक्सटाइल उद्योग पर भी पड़ने वाला है। राज्य में कपास और टेक्सटाइल उद्योग के निर्यात में भारी गिरावट का अनुमान है। यह गिरावट 2000 करोड़ रुपए के नुकसान का कारण बन सकता है। इस खबर में thesootr इस आर्थिक संकट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगा। साथ ही, यह बताएगा कि इसका प्रदेश के किसानों और उद्योगों पर क्या असर पड़ेगा।

टैरिफ से MP के उद्योग को भारी नुकसान!

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश से अमेरिका को होने वाला निर्यात 3546 करोड़ डॉलर (लगभग 2.95 लाख करोड़ रुपए) होता है, जो राज्य के कुल निर्यात का 26 प्रतिशत है। अमेरिकी सरकार के जरिए लगाए गए 50 प्रतिशत के टैरिफ के कारण यह निर्यात घटकर केवल 1.50 हजार करोड़ रुपए तक रह सकता है। इस गिरावट से राज्य के कपास और टेक्सटाइल उद्योग को बहुत बड़ा नुकसान होगा।

मध्य प्रदेश में करीब 50 टेक्सटाइल मिलें हैं। यह उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था के अहम हिस्से के रूप में काम करता है। व्यापारियों का मानना है कि अमेरिकी बाजार में घटते निर्यात को देखते हुए, अन्य देशों में निर्यात बढ़ाना होगा। वहीं इसके लिए सरकार के जरिए विभिन्न कदम उठाए जाने की उम्मीद है।

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भारतीय कपास के कपड़े की बढ़ी मांग

मप्र एसोसिएशन ऑफ कॉटन प्रोसेसर्स एंड ट्रेडर्स के अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय कपास की गुणवत्ता ने अमेरिका में अपनी अलग पहचान बनाई है। चीन सहित अन्य देशों के मुकाबले भारतीय कपड़े की डिजाइन और गुणवत्ता बेहतर मानी जा रही है। इससे अमेरिका में इसके निर्यात में वृद्धि हुई है।

हालांकि, ट्रंप के टैरिफ के कारण इस बढ़ती मांग को अब एक बड़ा झटका लगने वाला है। इसके बावजूद, व्यापारियों को उम्मीद है कि सरकार नए देशों के साथ व्यापारिक समझौते करके निर्यात बढ़ाने के उपायों पर विचार करेगी।

ट्रंप टैरिफ से MP के कपास और टेक्सटाइल उद्योग को नुकसान!

  • अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के कारण राज्य के निर्यात में 2000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।

  • मध्य प्रदेश के 50 टेक्सटाइल मिलें इस संकट से प्रभावित होंगी, और व्यापारियों को नए देशों में निर्यात बढ़ाने की उम्मीद है।

  • अमेरिकी बाजार में भारतीय कपास की गुणवत्ता की सराहना की जा रही थी, लेकिन टैरिफ के कारण इस बढ़ती मांग पर असर पड़ सकता है।

  • सरकार ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों के साथ व्यापारिक समझौते कर निर्यात बढ़ाने के उपायों पर विचार कर रही है।

  • विदेशी कपास पर आयात शुल्क खत्म होने से स्थानीय किसानों, खासकर मध्य प्रदेश के कपास उत्पादकों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।

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ट्रंप टैरिफ के बाद निर्यात पर असर

ट्रंप टैरिफ के बाद, व्यापारी अन्य देशों में निर्यात बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। सरकार ने ब्रिटेन के साथ ड्यूटी फी एग्रीमेंट साइन किया है, और ऑस्ट्रेलिया, जापान जैसे देशों से भी उम्मीदें जताई जा रही हैं। इसके अलावा, सरकार ने फिलहाल टेक्सटाइल्स पर 11 प्रतिशत ड्यूटी फी आयात की सुविधा दी है, जो नए देशों में निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं को उत्पन्न करेगा।

कपास उत्पादन में मध्य प्रदेश की अहम भूमिका

भारत में कपास का उत्पादन दुनिया में दूसरे स्थान पर है। इस साल भारत ने लगभग 3 करोड़ 15 लाख गांठ कपास का उत्पादन किया है। मध्य प्रदेश में खरगोन जिला कपास उत्पादन में सबसे अग्रणी है। यहां के किसान इस उद्योग के अहम हिस्से हैं। इसके बावजूद, अमेरिकी टैरिफ के कारण राज्य के कपास निर्यात में कमी आएग। इससे किसानों और उद्योगों को नुकसान होगा।

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भारत सरकार के फैसले का असर

भारत सरकार ने कपास (HS 5201) पर आयात शुल्क को 31 दिसंबर 2025 तक शून्य (zero import duty) कर दिया है। पहले यह छूट 30 सितंबर तक थी, लेकिन अब इसे तीन महीने और बढ़ा दिया गया है। हालांकि, इससे घरेलू किसानों को परेशानी हो सकती है, क्योंकि विदेशी कपास सस्ता हो जाएगा और स्थानीय किसानों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी।

MP के किसानों पर टैरिफ का पड़ेगा असर

मध्य प्रदेश के किसान, विशेषकर निमाड़ क्षेत्र के लोग, जो कपास की खेती करते हैं, इस फैसले से प्रभावित होंगे। आयात शुल्क खत्म होने से विदेशी कपास का आयात सस्ता होगा, जो स्थानीय किसानों के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। यह कदम जहां उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा सकता है, वहीं किसानों को बड़ी चिंता का सामना करना पड़ सकता है।

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