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भारत-पाकिस्तान की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। इसके बावजूद, टर्की पाकिस्तान का सबसे करीबी मित्र देश बना हुआ है। फिर भी, भारत के अहम एयरपोर्ट्स पर काम करने वाली टर्किश कंपनी सेलेबी एविएशन को हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोबारा एयरपोर्ट्स में काम करने की इजाजत दे दी इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार काउंसिल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को सीधा पत्र लिखते हुए बड़ा सवाल खड़ा किया है। पत्र में लिखा है कि क्या हम अपनी ही जमीन पर दुश्मन की एंट्री कर रहे हैं?
टर्की की कंपनी की भारतीय एयरपोर्ट में एंट्री
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने CJI को लिखे पत्र में कहा है कि टर्की और पाकिस्तान मिलकर हमेशा भारत के खिलाफ खड़े रहे हैं। युद्ध हो, कश्मीर मुद्दा हो, या वैश्विक मंच पर, हर जगह टर्की पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। ऐसे में टर्की की कंपनी अगर भारत के एयरपोर्ट पर ऑपरेशन देख रही है, तो यह बिल्कुल उचित नहीं लगता।
अहमदाबाद प्लेन हादसे पर साइबर अटैक की आशंका
पत्र में अहमदाबाद में हुए हालिया विमान हादसे का भी जिक्र है। धन्य कुमार जैन ने अंदेशा जताया है कि इस हादसे के पीछे इस टर्किश कंपनी का साइबर अटैक हो सकता है। उनका कहना है कि जब एक विदेशी कंपनी को एयरपोर्ट ऑपरेशन्स की इतनी गहराई तक पहुंच मिल जाती है, तो तकनीकी छेड़छाड़ या हैकिंग जैसी घटनाएं मुमकिन हो सकती हैं। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग भी की है।
9 एयरपोर्ट्स में काम कर रही सेलेबी एविएशन
सेलेबी एविएशन, टर्की की एक प्राइवेट कंपनी है। यह दुनियाभर के कई एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो जैसी सेवाएं प्रदान करती है। सेलेबी एविएशन की वेबसाइट के अनुसार, सेलेबी ने एक संयुक्त उद्यम के रूप में मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से शुरुआत की थी। एक साल के भीतर, सेलेबी को भारत में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया के रूप में पंजीकृत किया गया था।
इसमें ग्राउंड हैंडलिंग और दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया के रूप में कार्गो सेवाएं देने शामिल है। पिछले 10 सालों में, ये दो स्टेशन के साथ भारत में कुल नौ स्टेशन बन गए हैं। इनमें मुंबई, दिल्ली, कोचीन, कन्नूर, बैंगलोर, हैदराबाद, गोवा (GOX), अहमदाबाद और चेन्नई शामिल हैं। यह कंपनी फ्लाइट ऑपरेशन, पैसेंजर सर्विस, लोडिंग-ऑनलोडिंग, कार्गो, डाक, गोदाम, और यहां तक कि ब्रिज ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभालती है। ऐसे में एयरपोर्ट का दिल उसके हाथ में होता है।
भारत सरकार ने किया था ठेका रद्द
हाल ही में भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से सेलेबी का ठेका रद्द कर दिया था। फैसले के विरोध में कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने सरकार के फैसले को पलटते हुए कंपनी को फिर से काम करने की इजाजत दे दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला अब विवादों के घेरे में है। लोगों का मानना है कि एक दुश्मन देश की कंपनी को एयरपोर्ट जैसी संवेदनशील जगह पर काम करने देना सीधे-सीधे भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
जनता कर रही टर्की का बहिष्कार
धन्य कुमार जैन ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि देश की जनता टर्की की कंपनियों और प्रोडक्ट्स का बहिष्कार कर रही है। सोशल मीडिया पर भी इसका विरोध हो रहा है। ऐसे में, बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला जनता की भावनाओं के खिलाफ है। यह एक ऐसा फैसला है जो शत्रु देश को फायदा और देशवासियों को धोखा देता हुआ नजर आ रहा है।
ठेके के पीछे साजिश की भी आशंका
पत्र में यह भी मांग की गई है कि सेलेबी को दोबारा ठेका देने के पीछे कोई साजिश तो नहीं? क्या कोई विदेशी लॉबी, दबाव, पैसे या राजनीतिक साठगांठ इसमें शामिल है? अगर ऐसा कुछ है, तो इसकी पूरी जांच कराई जाए और दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई हो। यदि कोई राष्ट्रहित को ताक पर रखकर विदेशी कंपनी को सपोर्ट करता है, तो वह भी देशद्रोह की श्रेणी में आना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रहित में पुनर्विचार की उम्मीद
अपने पत्र के अंत में धन्य कुमार जैन ने लिखा है कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले पर खुद संज्ञान लेकर पुनर्विचार करेगा। भारत की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और जनता की भावनाओं के अनुसार उचित फैसला सुनाएगा।
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