दो लाख डिप्लोमाधारी बच्चे अब हो जाएंगे डिग्रीधारी... नौकरी में आड़े नहीं आएगी शिक्षा

मध्यप्रदेश में जिन बच्चों ने आईटीआई जैसे कोर्स में डिप्लोमा किया है, उन्हें राज्य सरकार बाकायदा डिग्री देगी। इससे वे उन सरकारी नौकरी में आवेदन करने के पात्र हो जाएंगे, जिनमें ग्रेजुएशन या डिग्री की पात्रता रखी गई है...

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Ravi Kant Dixit
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BHOPAL. आईटीआई जैसे डिप्लोमा कोर्स करने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर है। यदि उन्होंने डिप्लोमा के बाद आगे पढ़ाई नहीं की है तो उनके लिए यह सुनहरा अवसर है। दरअसल, नई शिक्षा नीति के प्रावधान लागू होने के बाद मध्यप्रदेश के करीब 2 लाख डिप्लोमाधारी विद्यार्थी अब डिग्रीधारी हो जाएंगे। इसके लिए उन्हें 60 घंटे का सिलेबस पूरा करना होगा। इस सिलेबस के बाद जिन बच्चों ने आईटीआई जैसे कोर्स में डिप्लोमा किया है, उन्हें राज्य सरकार बाकायदा डिग्री देगी। इससे वे उन सरकारी नौकरी में आवेदन करने के पात्र हो जाएंगे, जिनमें ग्रेजुएशन या डिग्री की पात्रता रखी गई है। हाल के वर्षों में इस तरह का प्रयोग करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा। इस कवायद को लेकर उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार 20 अगस्त को भोपाल में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन करने जा रहे हैं। इसमें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के लाभों पर विस्तार से चर्चा होगी, ताकि इसे लागू किया जा सके। सम्मेलन में 25 विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जो छात्रों को नई शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के फायदे...

  1. इस नई पहल के अंतर्गत छात्र 60 घंटे का पाठ्यक्रम पूरा करके चार 4 क्रेडिट स्कोर प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल छात्रों को आधुनिक कौशल और ज्ञान से लैस करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
  2. छात्रों के पास 15 पाठ्यक्रम करने का अवसर होगा, जो उन्हें 60 क्रेडिट और 900 घंटे के प्रशिक्षण के बराबर मान्यता देगा। यह प्रशिक्षण उनके कॅरियर के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
  3. इस कार्यक्रम के तहत शिक्षण, ट्यूटोरियल और प्रायोगिक (LTP) प्रारूप में शिक्षा दी की जाएगी। इस तरह का शिक्षण प्रारूप छात्रों को व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान का गहरा अनुभव प्रदान करेगा।

उद्योग की मांग के अनुसार होंगे पाठ्यक्रम

इन पाठ्यक्रमों को उद्योग की मांग के अनुसार डिजाइन किया गया है, जिससे छात्रों को भविष्य में रोजगार के अवसरों में बढ़त मिलेगी। इस पहल के माध्यम से, छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के दौरान ही फॉरवर्ड प्लेसमेंट ऑर्डर प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह उनके कॅरियर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

इन विषयों पर मंथन करेंगे विशेषज्ञ...

  1. नए पाठ्यक्रमों का समावेश

  2. Multi-Disciplinary Education

  3. एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC)

  4. स्टूडेंट परफॉरमेंस इंडेक्स

  5. हायर एजुकेशन संस्थानों की रैंकिंग

  6. ऑनलाइन एवं डिजिटल एजुकेशन 

  7. भारतीय ज्ञान परम्परा (IKS) व वैल्यू एजुकेशन

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