यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर के रामकी संयंत्र में जलाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगी है। समाजसेवी चिन्मय मिश्रा द्वारा लगाई गई जनहित याचिका पर सोमवार 24 फरवरी को सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई टल गई। अब याचिकाकर्ता ने इसमें जल्द सुनवाई के लिए लिस्टिंग पर लाने का आवेदन किया है। यदि जल्द लिस्टिंग पर आकर हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे नहीं हुआ तो फिर हाईकोर्ट के ताजा आदेश के तहत 27 फरवरी से पीथमपुर में कचरा जलना तय है।
इसलिए टली सुनवाई
जस्टिस बीआर गवई इस केस को सुन रहे हैं, लेकिन सोमवार को वह अवकाश पर थे इसके चलते सुनवाई नहीं हुई। इसके पहले बीते सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अधिवक्ता डॉक्टर सर्वम रितम खरे ने बताया इस केस (एसएलपी 3661/2025) में हाईकोर्ट जबलपुर के उस आदेश को चैलेंज किया गया है जिसमें यूका का कचरा पीथमपुर में निपटान का आदेश दिया हुआ है। इस पर रोक की मांग की गई है। अब हम जल्द इसमें लिस्टिंग के लिए आवेदन कर रहे हैं।
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उधर, हाईकोर्ट में यह हो चुके आदेश
उधर, हाईकोर्ट द्वारा 18 फरवरी को सुनवाई के दौरान सीधे कचरा जलाने की तारीख तय की जा चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश के तहत 10 मीट्रिक टन कचरा 27 फरवरी से चलेगा, फिर 4 मार्च से अगला 10 मीट्रिक टन कचरा और फिर 10 मार्च से 10 मीट्रिक टन कचरा और ट्रायल रन में जलेगा। इस तरह कुल 30 मीट्रिक टन कचरे का ट्रायल रन होगा और इसकी रिपोर्ट 27 मार्च को हाईकोर्ट में पेश की जाएगी। यदि बीच में कचरा जलाने के दौरान शासन पक्ष को कुछ लगता है तो वह हाईकोर्ट में पहले भी जा सकता है।
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