उज्जैन के महाकाल मंदिर के भोग प्रसाद पर एक बार फिर बवाल हो गया है। बीजेपी के जिला महामंत्री संजय अग्रवाल पर महाकाल मंदिर की लड्डू प्रसादी को जूठा करने का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बकायदा इसका वीडियो भी अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
जानकारी के मुताबिक बीजेपी नेता संजय अग्रवाल, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल के साथ महाकाल मंदिर की लड्डू प्रसादी यूनिट का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान संजय अग्रवाल वहां चना दाल पीसने वाले एक कर्मचारी से कुछ दाल लेते हैं, उसे दो बार चखते हैं और फिर बची हुई दाल को वापस चक्की में डाल देते हैं। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है, जो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद मंदिर में बवाल मच गया है। बता दें, संजय अग्रवाल एक दाल व्यापारी भी हैं।
बीजेपी करती है धर्म के नाम पर राजनीति
वहीं वीडियो सामने आने के बाद संजय अग्रवाल ने माफी मांगी है। कांग्रेस का कहना है कि यह क्वालिटी चेक के नाम पर बेहद शर्मनाक है। उनका आरोप है कि अग्रवाल ने लड्डू प्रसादी की दाल को जूठा कर दिया है। स्थानीय कांग्रेस नेता अजित सिंह ने कहा कि बीजेपी हमेशा धर्म के नाम पर राजनीति करती आई है और इस तरह की हरकतों से श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचाती है। उन्होंने कहा- जिस दाल से भगवान महाकाल को अर्पित होने वाले लड्डू का भोग बनेगा, उसे चखने के बाद चक्की में डालना अत्यंत निंदनीय है।
संजय अग्रवाल ने दी सफाई
मामला बढ़ता देख संजय अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने दाल की क्वालिटी चेक करने के लिए ऐसा किया, लेकिन जूठी दाल नहीं डाली। कांग्रेस से अनुरोध है कि मंदिर को राजनीति से दूर रखें। अगर किसी की भावना आहत हुई है, तो मैं क्षमा मांगता हूं।
महाकाल मंदिर में बनने वाले लड्डू के बारे में जानिए....
अधिकारियों की देखरेख में बनते हैं लड्डू
महाकाल मंदिर ( Mahakal Temple ) में चढ़ाए जाने वाले लड्डू मंदिर समिति की चिंतामण क्षेत्र स्थित इकाई में तैयार होते हैं। इन लड्डुओं को अधिकारियों की देखरेख बनाया जाता है। मंदिर प्रबंध समिति लड्डुओं में शुद्धता बनाए रखने के लिए बेसन की बजाए चने की दाल खरीदती है, जिसे इकाई में ही लगी चक्की में ही पिसवाया जाता है। इसके साथ ही जांच के बाद लड्डू में रवा, काजू, किसमिस और शक्कर का बूरा भी मिलाया जाता है। वहीं, लड्डू में मिलाए जाने वाला देसी घी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अधिकृत सांची डेरी से खरीदा जाता है।
रोजाना बनते हैं 30 क्विंटल लड्डू
लड्डू बनाने वाली यूनिट के प्रभारी की मानें कि हर दिन 25 से 30 क्विंटल लड्डू बनाए जाते हैं। उनका कहना है कि इन लड्डुओं की हर दिन खपत भी हो जाती है। यूनिट के प्रभारी के मुताबिक, विशेष पर्वों पर लड्डुओं की संख्या दोगुनी हो जाती है। इन दिनों लगभग 55-65 क्विंटल लड्डू तैयार किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बाद में इन लड्डुओं के 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलोग्राम के पैकेट बनाए जाते हैं। यह लड्डू 50 रुपए के पैकेट से 400 रुपए के पैकेट में भक्तों के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं।
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