क्यों कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के घर पर अचानक पहुंच गई पुलिस?

उज्जैन में एक खबर इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। खबर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से जुड़ी हुई है। बताया गया कि किसी विवाद की सूचना पर अचानक पुलिस उनके घर पहुंच गई। क्या था विवाद पढ़ें इस खबर में...

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Sourabh Bhatnagar
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एक समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, शनिवार को उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के घर पर अचानक पुलिस का पहुंचना शहर में चर्चा का विषय बन गया। यह घटना उस समय घटी जब पुलिस को कलेक्टर निवास में किसी बड़े विवाद की सूचना मिली। बताया गया कि इस मामले में खुद एसपी भी मौके पर पहुंचे।

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झगड़े की सूचना पर पहुंची पुलिस

सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर निवास के स्टाफ ने पुलिस को इस विवाद के बारे में सूचित किया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि, बताया जा रहा है कि यह विवाद पारिवारिक था, कलेक्टर सिंह और उनकी पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। फिलहाल इसमें कोई बड़ी कानूनी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।

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कलेक्टर बोले- पारिवारिक विवाद था

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से जब मीडिया ने इस मामले के बारे में पूछा, तो उन्होंने साफ तौर पर इसे एक पारिवारिक विवाद बताते हुए कहा, ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है, बस एक घरेलू मामला था। बता दें कि इस मामले में पुलिस का हस्तक्षेप केवल एहतियात के तौर पर था।

कलेक्टर की प्रोफाइल पर एक नजर

नाम: नीरज कुमार सिंह 
जन्म तिथि: 23 अगस्त 1989
निवास: रायपुर, छत्तीसगढ़ 
यूपीएससी में चयन: 03 सितंबर 2012
शिक्षा: इकोनॉमिक्स में एम.ए.

एक संवेदनशील अफसर के रूप में पहचान 

आईएएस नीरज कुमार सिंह छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने एमए (अर्थशास्त्र) की पढ़ाई की है। कलेक्टर के रूप में नीरज जहां भी रहे, अपनी संवदेनशील कार्यशैली से हमेशा चर्चा में रहे। उज्जैन से पहले वो नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले के कलेक्टर थे। वहां दो साल तक इस पद पर रहे। नर्मदापुरम कलेक्टर के तौर पर वो पहले अधिकारी थे, जो शहर के उपेक्षित स्लम बस्ती सिलिकर मोहल्ला और आदमगढ़ पहुंचे थे। वहां लोगों से बातचीत में पता चला कि इन क्षेत्रों के 50 से अधिक बच्चे स्कूल ही नहीं जाते हैं। लोगों ने कलेक्टर को समस्याएं सुनाईं।

उन्होंने कहा, फीस नहीं भर पाने के कारण हमारे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। इस पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने लोगों को समझाया कि वे अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराएं। उन्होंने यह सिर्फ कहा ही नहीं, बल्कि खुद स्कूल में जाकर कुछ बच्चों का एडमिशन कराया। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की इस पहल से बस्ती के सभी लोग अभिभूत हुए। लोगों का तो यह भी कहना था कि कलेक्टर साहब पहले अधिकारी हैं, जो इस बस्ती में पहुंचे हैं। गरीबों के बच्चों को स्कूल पहुंचाने की यह नवाचारी मुहिम उन्होंने पूरे जिले में चलाई। 

कितनी संपत्ति के मालिक हैं नीरज कुमार सिंह

एमपी के आईएएस अफसरों द्वारा केंद्र सरकार को अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया गया है। जिसमें अफसरों ने बताया है कि उनके नाम किस तरह की कितनी और कहां प्रॉपर्टी है, साथ ही उसकी मौजूदा कीमत क्या है? आईएएस नीरज कुमार सिंह ने भी इसकी जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक,आईएएस के पास साउथ दिल्ली में 35 लाख रुपए रुपए का फ्लैट है, जिससे सालाना 2 लाख रुपए रुपए की आय हो रही है।

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