उज्जैन कलेक्टर IAS नीरज सिंह पर सिंगल बैंच का आर्डर, अगली सुनवाई में स्टे आर्डर दिखाना, नहीं तो आगे कार्रवाई होगी

मध्यप्रदेश की इंदौर हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने आर्डर जारी कि अगली सुनवाई लगा रहे हैं जो 18 जुलाई को होगी, इसमें कलेक्टर और तहसीलदार व्यक्तिगत पेश होंगे। इसमें यदि वह स्टे आर्डर (डबल बैंच) का पेश नहीं कर सके तो कोर्ट आगे कार्रवाई करेगा...

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Sanjay gupta
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नामांतरण नहीं करने पर अवमानना मामला झेल रहे उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह डबल बैंच द्वारा पेश नहीं होने की राहत देने के बाद भी इंदौर सिंगल बैंच के सामने पेश हुए। साथ ही तहसीलदार शैफाली जैन भी पहुंची। इस दौरान एडिशनल एडवोकेट जनरल भारत सिंह ने ऑनलाइन और शासकीय अधिवक्ता वैभव भागवत ने कोर्ट में पेश होकर उनका पक्ष रखा। बताया गया कि डबल बैंच में सिंगल बैंच के आर्डर पर सुनवाई हो गई है। 

पक्ष सुनने के बाद सिंगल बैंच ने जारी किया आर्डर

इनका पक्ष सुनने के बाद देर शाम को सिंगल बैंच ने आर्डर जारी कर दिया और इसमें आदेश दिया कि अगली सुनवाई लगा रहे हैं जो 18 जुलाई को होगी, इसमें कलेक्टर और तहसीलदार व्यक्तिगत पेश होंगे। इसमें यदि वह स्टे आर्डर (डबल बैंच) का पेश नहीं कर सके तो कोर्ट आगे कार्रवाई करेगा। साथ ही कहा कि दोनों कलेक्टर और तहसीलदार शपथपत्र में अपना जवाब भी पेश करें। 

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डबल बैंच का आर्डर नहीं आया

जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस गजेंद्र सिंह की बैंच में इस मुद्दे पर बुधवार सुनवाई हुई थी। इसमे सिंगल बैंच के 3 जुलाई के आर्डर जिसमें कलेक्टर और तहसीलदार को पेश होने के लिए कहा था, इस बात पर आश्चर्य जताया। कह कि इसमें कलेक्टर पार्टी ही नहीं था, फिर उनके खिलाफ क्यों यह आदेश हुए। साथ ही इसमें यह भी तकनीकी खामी थी कि पीड़ित पक्ष ने अवमानना याचिका साल 2023 के फैसले के खिलाफ लगाना बताया, जबकि हाईकोर्ट ने 31 मई 2024 को आदेश दिए थे नामांतरण पांच दिन में करें, ऐसे में तकनीकी तौर पर यह याचिका मैंटेनेबल नहीं है, क्योंकि फाइनल आर्डर से पहले अवमानना नहीं लग सकती है, लेकिन इस सुनवाई का आर्डर देर शाम तक जारी नहीं हुआ था। कलेक्टर और तहसीलदार को अगली सुनवाई में यह आर्डर सिंगल बैंच में दिखाना होगा। 

यह है मामला

गुलाब चंद की एक जमीन के नामांतरण का केस था, जिसमें मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। हाईकोर्ट में प्रशासन (तहसीलदार शैफाली जैन) ने कहा था कि नामांतरण प्रक्रिया करेंगे, लेकिन इसके बाद भी नहीं की। इसके खिलाफ अवमानना याचिका तहसीलदार शैफाली के साथ ही कलेक्टर नीरज सिंह के खिलाफ दायर हुई। इसमें 31 मई 2014 को कोर्ट ने पांच दिन में नामांतरण आदेश दिए, लेकिन नहीं होने पर फिर पीड़ित पक्ष ने जैन और कलेक्टर सिंह के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। जिसमें 3 जुलाई को कोर्ट ने दोनों को ही 10 जुलाई को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश दिए। इस आदेश के खिलाफ कलेक्टर सिंह डबल बैंच में गए थे।

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