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उज्जैन नगरी में नए साल के आगमन पर श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ रहा है। महाकाल मंदिर के दर्शन हेतु देश के कोने-कोने से लाखों भक्त यहां पहुंच रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या दोगुनी हो गई है।
ऐसे में भीड़ को देखते हुए उज्जैन पुलिस ने पहली बार हाईटेक तरीका अपनाया है। अब गूगल मैप के जरिए शहर के ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा रहा है। पुलिस की एक विशेष टीम गूगल के एल्गोरिदम में तकनीकी बदलाव कर रही है।
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डिजिटल तकनीक से भीड़ का मैनेजमेंट
प्रशासन ने गुरुग्राम की एक आईटी कंपनी के साथ मिलकर नया सिस्टम बनाया है। जब किसी रास्ते पर भीड़ बढ़ती है तो उसे मैप पर ब्लॉक कर देते हैं। श्रद्धालुओं को मोबाइल पर केवल वही रास्ता दिखता है जो पूरी तरह खाली है।
इस तकनीक से बाहर से आने वाले वाहन सीधे पार्किंग स्थल तक पहुंच रहे हैं। शहर के तंग रास्तों में जाने से श्रद्धालुओं को डिजिटल रूप से रोका जा रहा है। पुलिस के 10 जवान सुबह से रात तक ट्रैफिक की रियल टाइम मॉनिटरिंग करते हैं।
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सीधे पार्किंग तक पहुंच रहे हैं श्रद्धालु
सीएसपी राहुल देशमुख ने बताया कि चार धाम और हरसिद्धि पार्किंग मुख्य केंद्र हैं। पहले लोग शॉर्टकट के चक्कर में शहर के अंदरूनी जाम में फंस जाते थे। अब गूगल मैप उन्हें केवल डेडिकेटेड रूट ही दिखाता है जो सीधे सुरक्षित है।
बेगमबाग और महाकाल घाटी जैसे क्षेत्रों में दबाव कम करने की कोशिश की जा रही है। अगर ये प्रयोग सफल रहा तो सिंहस्थ 2028 में भी इसे लागू किया जाएगा। पुलिस का लक्ष्य है कि भक्त बिना किसी परेशानी के मंदिर के पास पहुंचें।
बाबा महाकाल के लिए दर्शन व्यवस्था
आपको बता दें कि, भीड़ के कारण मंदिर समिति ने दर्शन के नियमों में कड़े बदलाव किए हैं। 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक बाबा महाकालभस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग बंद रहेगी। श्रद्धालु केवल ऑफलाइन माध्यम से ही भस्म आरती की अनुमति ले सकेंगे।
1 जनवरी के लिए तो सभी प्रकार की एडवांस बुकिंग को कैंसिल किया गया है। प्रोटोकॉल यानी वीआईपी दर्शन की सुविधा भी फिलहाल पूरी तरह बंद कर दी गई है। अब केवल अति स्पेसिफिक पर्सन्स को ही निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत प्रवेश मिलेगा।
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श्रद्धालुओं के लिए नए प्रवेश मार्ग तय
पिछले तीन दिनों में करीब साढ़े पांच लाख भक्तों ने दर्शन किए हैं। भीड़ को देखते हुए 28 दिसंबर से नए प्रवेश द्वार तय किए गए हैं। भस्म आरती के भक्तों को अब नीलकंठ द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है। चलित भस्म आरती देखने वाले श्रद्धालुओं को त्रिवेणी द्वार से जाना होगा।
सामान्य दर्शनार्थी चार धाम पथ से होकर मानसरोवर भवन के रास्ते मंदिर पहुंचेंगे। मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में सड़क पर दुकान लगाना अब प्रतिबंधित है। प्रशासन का अनुरोध है कि भक्त केवल निर्धारित पार्किंग का ही उपयोग करें।
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