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उज्जैन में रेलवे स्टेशन से श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) तक श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए रोप-वे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस परियोजना की शुरुआत गणेश कॉलोनी (Ganesh Colony) से की गई है, जहां पर डी-बोर्डिंग स्टेशन (De-boarding Station) बनाया जाएगा। वर्तमान में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम क्षेत्र में खुदाई कर मिट्टी का परीक्षण कर रही है, ताकि रिपोर्ट के आधार पर डी-बोर्डिंग स्टेशन की ड्राइंग फाइनल की जा सके।
189 करोड़ रुपए की मंजूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस रोप-वे परियोजना के लिए 189 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इस रोप-वे का निर्माण दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस रोप-वे के माध्यम से श्रद्धालु रेलवे स्टेशन से श्री महाकालेश्वर मंदिर तक का 1.75 किलोमीटर का सफर केवल 7 मिनट में तय कर सकेंगे। यात्रा के दौरान ऊंचाई से उज्जैन शहर (Ujjain City) और श्री महाकाल महालोक (Shri Mahakal Mahalok) का दृश्य भी देखा जा सकेगा।
श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा
महाकाल लोक (Mahakal Lok) के निर्माण के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। सामान्य दिनों में यहां 50 हजार से लेकर 1 लाख श्रद्धालु आते थे, लेकिन अब यह संख्या दोगुनी हो गई है। त्योहारों और विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की संख्या 4 लाख से 8 लाख तक पहुंच रही है। इससे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से महाकाल मंदिर और महाकाल महालोक तक जाने वाले मार्गों पर भीड़ बढ़ रही है और जाम की स्थिति पैदा हो रही है।
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एल आकार का होगा रोप-वे
रोप-वे के तीन स्टेशन होंगे। पहला स्टेशन रेलवे की जमीन पर, दूसरा त्रिवेणी संग्रहालय (Triveni Museum) क्षेत्र में पार्किंग के पास और तीसरा डी-बोर्डिंग स्टेशन गणेश कॉलोनी में होगा। इस रोप-वे में 48 केबिन होंगे, जिनमें से प्रत्येक में 10 लोगों की बैठने की क्षमता होगी। ट्रैवल टाइम 7 मिनट का रहेगा और यह प्रति दिशा प्रति घंटे करीब 2000 यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगा।
मिट्टी की जांच हो रही
रोप-वे के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है और इस समय मिट्टी परीक्षण किया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया जाएगा कि विभिन्न स्टेशनों और टावरों के निर्माण में कितनी भार क्षमता की आवश्यकता है। इस प्रक्रिया के बाद, रोप-वे की डिजाइन को फाइनल किया जाएगा।
प्रमुख बयान
मनोज माली, सब इंजीनियर (Sub-Engineer) रोप-वे प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि हमने मिट्टी परीक्षण का काम शुरू कर दिया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि रोप-वे की संरचना किस प्रकार की होनी चाहिए।
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