संजय शर्मा, भोपाल. एमपी लोकसभा चुनाव के दो चरणों में हुई कम वोटिंग का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो 4 जून को नतीजों के बाद ही पता चलेगा। लेकिन 12 सीटों पर हुई कम वोटिंग ने बीजेपी में घमासान के हालात बना दिए हैं। कम वोटिंग को बीजेपी के लिए नुकसानदेह बताया जा रहा है। संगठन इसे लेकर चिंतित है। कम वोटिंग वाले क्षेत्रों से प्रदेश सरकार के 6 मंत्रियों पर केंद्रीय गृहमंत्री और चुनावी रणनीति के चाणक्य अमित शाह ( Home Minister Amit Shah ) की वक्रदृष्टि पड़ सकती है। शाह ने लोकसभा सीटों पर कम मतदान के लिए मंत्रियों को साफ चेतावनी दी है। पहले दो फेज में जहां चुनाव हुए हैं, वह 6 मंत्री हैं, जिनकी कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इनमें डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, राव उदयप्रताप सिंह, सम्पतिया उइके, राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और राधा सिंह का क्षेत्र शामिल है।
कम वोटिंग के चलते शाह की चेतावनी के बाद बने समीकरणों को लेकर द सूत्र ने 12 सीटों की पड़ताल की है।
पढ़िए ये खास रिपोर्ट...
— पहले चरण की स्थिति...
सबसे पहले बात करते हैं पहले चरण की सीटों की। 19 अप्रैल को सीधी, शहडोल, मंडला, बालाघाट, जबलपुर और छिंदवाड़ा सीट पर वोटिंग हुई।
— छिंदवाड़ा में 2.56 फीसदी कम वोटिंग
छिंदवाड़ा को छोड़ दें तो दूसरी पांचों सीटें पहले से ही बीजेपी के खाते में हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ( Former CM Kamal Nath )और कांग्रेस के कब्जे वाली छिंदवाड़ा सीट जीतने के लिए बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन यहां वोटिंग 79.83% हुई, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में हुए 82.39% मतदान से 2.56 % कम है। कमलनाथ इसे कांग्रेस उम्मीदवार और अपने पुत्र नकुलनाथ के लिए पॉजिटिव बता रहे हैं।
— जबलपुर: राकेश सिंह हैं यहां से मंत्री
पहले ही चरण में जबलपुर में वोटिंग हुई, जो कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एमपी सरकार में पीडब्लूडी मंत्री राकेश सिंह के प्रभाव वाली सीट है। राकेश सिंह यहां से सांसद रह चुके हैं। बीजेपी ने यहां से संगठन के कार्यकर्ता आशीष दुबे को उम्मीदवार बनाया है। उनके प्रचार के लिए केंद्रीय मंत्रियों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां रोड शो किया था, लेकिन वोटिंग के दिन यहां भी मतदाताओं में बेरुखी रही और साल 2019 में हुए 69 % मतदान से 8% कम यानी 61% ही लोगों ने वोट डाले।
बालाघाट : पीएम की सभा, फिर भी कम वोटिंग
बालाघाट सीट पर बीजेपी ने सांसद ढाल सिंह का टिकट काट कर भारती पारधी को मैदान में उतारा है। भारती के पक्ष में पीएम मोदी ने सभा की और प्रदेश के सीएम से लेकर मंत्री और केंद्रीय नेता भी पहुंचे, लेकिन सभाओं में उमड़ी भीड़ को वोट में नहीं बदल सके। यहां भी मतदान 77.36 से घटकर 67.75 रह गया, यानी सीट पर 2019 के मुकाबले 9.61 फीसदी काम वोटिंग हुई।
— मंडला : काम न आई रणनीति
मंडला में बीजेपी उम्मीदवार के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला। सीएम भी मंत्रियों के साथ सक्रिय रहे, लेकिंग वोटिंग कम हुई। इस सीट पर 4.78% कम मतदान हुआ। साल 2019 में यहां 77.62% वोटिंग हुई थी, जो इस बार घटकर 72.84% ही रह गई।
— सीधी : 13 फीसदी कम वोटिंग
सीधी की बात करें तो यहां चुनाव प्रचार का जिम्मा प्रदेश सरकार के मंत्री राजेंद्र शुक्ला और राधा सिंह के पास था। यहां भी केंद्रीय मंत्रियों की सभाएं कराई गईं, पर नतीजा सिफर रहा। यहां 2019 में 69.50% वोटिंग हुई थी जो 2024 में घटकर 56.50% गई जो 13 फीसदी कम है।
शहडोल : कैंपेन की कमियों पर मंथन
शहडोल सीट पर 2019 में हुए 74.73% मतदान के मुकाबले इस बार 64.68% वोटिंग हुई है, जो 10 फीसदी तक कम है। पार्टी अब प्रचार कैंपेन की कमियों पर मंथन कर रही है।
— सेकंड फेज: मंत्रियों की सक्रियता भी वोटिंग बढ़ाने में कारगर नहीं
दूसरे चरण में बड़े नेताओं की सभाओं और बीजेपी की पोलिंग बूथ की रणनीति का भी ज्यादा असर नजर नहीं आया। इस चरण में बुंदेलखंड की टीकमगढ़, दमोह और खजुराहो, विंध्य की रीवा और सतना के अलावा होशंगाबाद सीट पर मतदान हुआ।
— छह सीटों का सियासी गणित
दूसरे फेज की छह सीटों पर सबसे ज्यादा 67.14% वोटिंग भले ही होशंगाबाद में हुई पर यह 2019 के चुनाव में हुए 74.22% मतदान से 7% कम रही है। इस अंचल से प्रदेश सरकार में दो कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल और राव उदयप्रताप सिंह और एक राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल हैं। तीनों मंत्रियों के प्रभाव के बाद भी बीजेपी का चुनाव कैंपेन फिलहाल यहां वोटर्स पर प्रभावी नहीं रहा।
— बुंदेलखंड की टीकमगढ़ सीट पर बीजेपी के बड़े दलित नेता और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक मैदान में थे। वे यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं लेकिन उनकी सक्रियता वोटर्स को मतदान केंद्रों तक नहीं ला सकी।
— खजुराहो सीट पर उम्मीदवार पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा कार्यकर्ताओं में जोश भरते रहे। उनके निर्देशन में प्रदेश भर के बूथों पर 10 फ़ीसदी वोट बढ़ाने का अभियान बीजेपी ने चलाया लेकिन उनकी ही सीट पर इस बार 56.44% वोटिंग हुई जबकि 2019 में 68.28% मतदान हुआ था।
— दमोह सीट पर प्रदेश सरकार के मंत्री प्रह्लाद पटेल का प्रभाव है। वे इस सीट से सांसद भी रहे हैं और बीजेपी ने उन्हीं की पसंद के उम्मीदवार राहुल लोधी को टिकट दिया है। इस सीट पर पीएम मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के सीएम भी प्रचार पर पहुंचे लेकिंग वोटिंग 10.37% घट गई। इस बार चुनाव में यहां 55.45% मतदान हुआ हैजबकि साल 2019 में इस सीट पर 65.85% वोटिंग दर्ज की गई थी।
— रीवा और सतना सीट विंध्य की अहम सीटें हैं। यहां मंत्री राजेंद्र शुक्ला का प्रभाव है। दोनों ही सीटों पर बीजेपी ने पुराने चेहरे यानी वर्तमान सांसदों को टिकट दिया है। सतना से गणेश सिंह जबकि रीवा से जनार्दन मिश्र मैदान में हैं। इन सीटों पर भी बीजेपी ने धुंआधार प्रचार किया और कई मंत्री जुटे रहे लेकिन रीवा सीट पर 2019 में हुए 60.33%मतदान के मुकाबले 45.02% और सतना में 70.71% से घटकर 57.18 %ही वोटिंग हुई।
— अमित शाह की चेतावनी के क्या हैं मायने
तीसरे चरण में होने वाले मतदान से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीते दिन भोपाल पहुंचे थे। उन्होंने इस दौरान पहले और दूसरे चरण की 12 सीटों पर कम वोटिंग को लेकर संगठन और मंत्रियों से सवाल-जवाब किए। शाह ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों के प्रभाव वाली सीटों पर मतदान कम होने पर नाराजी जाहिर की। साथ ही इस सीटों पर पार्टी को नुकसान की स्थिति में मंत्रियों को चेतावनी भी दे डाली। माना जा रहा है कि प्रदेश की 12 सीटों पर कम मतदान से बीजेपी को नुकसान होने की ख़बरों से केंद्रीय नेतृत्व चिंतित है। यदि इन सीटों पर नुकसान होता है तो सरकार में शामिल मंत्री राजेंद्र शुक्ला, प्रह्लाद सिंह पटेल, राव उदयप्रताप, सम्पतिया उइके, राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और राधा सिंह को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं की उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। स्थिति क्या होगी फिलहाल यह चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही साफ़ होगा। अब पार्टी ने प्रदेश की उन 17 सीट फोकस कर रही है जिन पर तीसरे और चौथे फेज में वोटिंग होनी है। इन क्षेत्रों में प्रभाव रखने वाले मंत्रियों को वोटिंग बढ़ाने के लिए पहले ही हिदायत दे दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह की चेतावनी Home Minister Amit Shah's warning Union Home Minister Amit Shah's warning on low voting in MP in Lok Sabha elections लोकसभा चुनाव में एमपी में कम वोटिंग पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की चेतावनी मध्य प्रदेश के मंत्रियों को अमित शाह की चेतावनी Amit Shah's warning to Madhya Pradesh ministers