/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-33-2025-10-22-14-29-15.jpg)
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-26-2025-10-22-13-21-33.jpg)
MP में घर-घर गोवर्धन पूजा
मध्य प्रदेश में महिलाओं ने अपने घरों के बाहर गोबर से गोवर्धन पर्वत की सुन्दर आकृतियां बनाकर पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना की।
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-30-2025-10-22-13-48-01.jpg)
सीएम मोहन यादव गोवर्धन पूजा
भोपाल के रवीन्द्र भवन में 21 अक्टूबर 2025 को राज्य-स्तरीय गोवर्धन पूजा का बड़ा कार्यक्रम हुआ था, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी खुद पूजा की और हिस्सा लिया।
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-28-2025-10-22-13-30-42.jpg)
विधायक रामेश्वर शर्मा ने की गोवर्धन पूजा
भोपाल में हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने बुधवार को गोवर्धन पूजा की। उन्होंने अपने विधायक कार्यालय पर पूरे नियम से गोवर्धन महाराज की पूजा करके आशीर्वाद लिया।
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-29-2025-10-22-13-42-18.jpg)
श्योपुर में गोवर्धन महाराज की परिक्रमा
श्योपुर के गांवों और कस्बों में लोग एक साथ मिलकर गोवर्धन महाराज की पूजा के बाद परिक्रमा लगाते हैं। वे मानते हैं कि यह परिक्रमा करने से उनके परिवार और खेती में बरकत आती है।
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-27-2025-10-22-13-24-36.jpg)
बच्चों को गोबर में लिटाकर पूजा
देवास में एक पुरानी और अनोखी परंपरा निभाई गई। यहां बच्चों को गोबर से बने गोवर्धन पर्वत पर लेटाकर पूजा की गई, ताकि उन्हें भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिले।
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-31-2025-10-22-13-54-06.jpg)
उज्जैन की अनोखी गोवर्धन पूजा
उज्जैन के बड़नगर इलाके में गोवर्धन पूजा के बाद लोग जमीन पर लेट जाते हैं, और उनके ऊपर से गायों का पूरा झुंड गुजरता है।
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-18-2025-10-22-13-57-20.jpg)
आग के ऊपर से गाय कुदाना
हरदा जिले में गोवर्धन पूजा के दिन एक गजब का रिवाज है! यहां गांव के लोग जलती हुई आग के ऊपर से गाय, बैल और भैंस जैसे जानवरों को कुदाते हैं।
/sootr/media/media_files/2025/10/22/aman-vaishnav-32-2025-10-22-14-19-20.jpg)
बुंदेलखंड का मौनिया नृत्य
गोवर्धन पूजा पर बुंदेलखंड में यादव समाज के लोग मौन व्रत रखते हैं। करोड़ों मोर पंख लेकर ढोल की धुन पर 'मौनिया नृत्य' करते हुए मंदिरों में जाते हैं।