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MP News : मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में 30 अप्रैल को एक अनौखी शादी का आयोजन किया गया। यह शादी उस वक्त खास बन गई जब दूल्हा अपनी मंगेतर को अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद शादी के मंडप तक लेकर पहुंचा। अस्पताल के ओपीडी वार्ड में शादी की सारी रस्में निभाई गईं और दूल्हे ने अपनी दुल्हन को गोद में उठाकर सात फेरे लिए।
शादी का फैसला अस्पताल में
आदित्य सिंह और नंदिनी की शादी पहले ही तय हो चुकी थी, लेकिन शादी के ठीक एक सप्ताह पहले नंदिनी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। नंदिनी को पहले कुंभराज और फिर बीनागंज के अस्पतालों में दिखाया गया, लेकिन उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने नंदिनी को बेड रेस्ट की सलाह दी, जिससे शादी को टालने की बात की जा रही थी।
फिर परिजनों ने मिलकर निर्णय लिया कि शादी को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा और इसे अस्पताल में ही आयोजित किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन भी इस निर्णय पर सहमत हुआ।
अस्पताल को दुल्हन के घर की तरह सजाया गया
अस्पताल के गेट पर दूल्हे आदित्य की बारात का स्वागत किया गया। पूरे अस्पताल को दुल्हन के घर की तरह सजाया गया। ओपीडी वार्ड में रात के 1 बजे मंडप सजा और शादी की सभी रस्में वहां पूरी की गईं। दूल्हे आदित्य ने अपनी दुल्हन नंदिनी को गोद में उठाकर सात फेरे लिए।
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अक्षय तृतीया पर था शुभ मुहूर्त
शादी का मुहूर्त अक्षय तृतीया पर था, जो कि दो साल बाद आया था। नंदिनी की तबीयत को देखते हुए परिवार को बहुत चिंता थी, लेकिन शादी को टालने का कोई सवाल नहीं था।
डॉक्टर का बयान
अस्पताल के संचालक डॉ. जेके पंजाबी ने बताया कि जब नंदिनी को भर्ती किया गया था, तब उनकी हालत गंभीर थी, लेकिन दो दिन पहले उनकी हालत में सुधार आया। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि नंदिनी अभी चलने-फिरने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी, लेकिन उनके परिवार ने विवाह के निर्णय को पूरी तरह से सपोर्ट किया।
इस राजगढ़ घटना से हर कोई चकित है और सभी इस अनौखी शादी की मिसाल दे रहे हैं।
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