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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने पर मप्र सरकार द्वारा सफलता पर प्रोत्साहन राशि शुरू की थी, लेकिन बीते पांच सालों से इस राशि के अते- पते नहीं है। पूरे प्रदेश के हर जिले में सैकड़ों अभ्यर्थियों के आवेदन ठंडे बस्ते में पड़े हुए हैं, इनकी संख्या प्रदेश स्तर पर हजारों में हैं। यह राशि आखिर कहां जा रही है?
पहले बताते हैं क्या है स्कीम
इस स्कीम के तहत यूपीएससी और पीएससी की विविध चरणों में सफलता पाने पर राशि का भुगतान किया जाता है।
- प्री स्तर पर- यूपीएससी प्री पास करने पर 25 हजार और एमपी पीएससी प्री पास पर 15 हजार रुपए की पात्रता
- मेन्स स्तर पर- यूपीएससी मेन्स पास पर 50 हजार और एमपी पीएससी में 25 हजार और दिए जाते हैं
- इंटरव्यू पास पर- यूपीएससी इंटरव्यू में सफल होने पर 25 हजार और एमपी पीएससी पास पर फिर दस हजार और दिए जाते हैं
(यूपीएससी में प्री से इंटरव्यू पास करने पर कुल 1 लाख रुपए और एमपी पीएससी में प्री से इंटरव्यू पास करने पर 50 हजार की कुल प्रोत्साहन राशि दी जाती है) - यह राशि किसी भी अभ्यर्थी को केवल एक बार मिलती है, यानी प्री दो बार पास की हो, लेकिन राशि एक बार ही दी जाएगी।
खुद विभाग की रिपोर्ट क्या बोलती है
इस विभाग की मंत्री कृष्णा गौर है जो स्वतंत्र प्रभार में हैं। विभाग के मार्च 2024 तक के प्रशासकीय प्रतिवेदन के अनुसार
- साल 2021-22 में 55 लाख की राशि इस योजना में थी, इसमें से 42.85 लाख राशि 213 अभ्यर्थियों में वितरित हुई
- साल 2022-23 में 40 लाख राशि थी, इसमें 231 अभ्यर्थियों को 35.45 लाख राशि दी
- साल 2023-24 में 40 लाख राशि थी, इसमें 170 को 27.10 लाख राशि दी गई
(मप्र सरकार ने इस बार बजट में 2024-25 के लिए इसमें एक करोड़ की राशि का प्रावधान किया है)
कर्मचारी बोला राशि तो लाड़ली बहना योजना में चली गई
- अभ्यर्थी- सर नमस्ते, ओबीसी की स्कालरशिप का कुछ हुआ क्या, एमपीपीएसी वाले में
कर्मचारी- अभी तो कुछ नहीं हो रहा है, बजट-वजट नहीं है, बजट आएगा तो फिर देखेंगे, कार्रवाई करेंगे - अभ्यर्थी- सर दो साल हो गए हैं क्या बजट आया ही नहीं
कर्मचारी- भाईसाहब दो साल क्या चार साल हो गए हैं - अभ्यर्थी- सर क्या उम्मीद भी नहीं है क्या
कर्मचारी- शासन है, शासन ने सभी पैसा चुनाव में लगा दिया या इसमें बांट दिया लाड़ली बहना में। - अभ्यर्थी- सर आपने कहा था बजट मांगा है
कर्मचारी- हमने भोपाल पत्र भेजा है, बजट के लिए फिर भेजा है और भेज देंगे। भोपाल वाले भेज देंगे तो कर देंगे, सभी लोग परेशान हो रहे हैं और हम भी परेशान हो रहे हैं। - अभ्यर्थी- सर बहुत समय हो गया है
कर्मचारी- हां हम भी बहुत परेशान है 2019 से 2022 तक के फार्म रूके हुए हैं, हम भी सोच रहे हैं बहुत समय हो गया है।
सीएम हेल्पलाइन पर क्या जवाब देकर बंद कर दी शिकायत
इसी मामले में एक अभ्यर्थी ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की और कहा कि पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राशि नहीं दी। अभ्यर्थी ने प्री 2021 पास करने पर मिलने वाली 15 हजार राशि का भुगतान नहीं होने की शिकायत की थी। लेकिन इस पर यह कहते हुए शिकायत क्लोज कर दी गई कि शिकायतकर्ता की एमपीपीएससी प्रोत्साहन राशि मद में बजट उपलब्ध नहीं है, प्राप्त होने पर भुगतान होना है। शिकायत को बंद किया जाता है।
वहीं विभाग की रिपोर्ट में ही है पूरी राशि खर्च नहीं हुई
उधर खुद विभाग की प्रशासकीय रिपोर्ट देखें तो इसमें साफ है किसी भी साल में मद में रखी पूरा राशि की खर्च नहीं की गई है। साल 2021-22 में 55 लाख में केवल 42.85 लाख खर्च किए, 2022-23 में 40 लाख में से 35.45 लाख तो वहीं 2023-24 में 40 लाख में से केवल 27.10 लाख रुपए खर्च किए गए।
हर साल प्री ही एक हजार से ज्यादा निकालते हैं
पीएससी मप्र की बात करें तो केवल राज्य सेवा परीक्षा प्री में ही औसतन एक हजार से ज्यादा बच्चे प्री पास करते हैं। इसके साथ ही अन्य परीक्षाओं राज्य वन सेवा व अन्य की बात की जाए तो यह संख्या 1500 करीब होती है। इसके अलावा यूपीएससी भी पास करने वाले होते हैं। करीब हर साल औसतन तीन करोड़ राशि की जरूरत है, लेकिन शासन इस मद में ना राशि ज्यादा रखती है और ना ही पूरी राशि आवंटित करती है। इसके चलते साल 2019 से ही इस योजना के लिए आवेदक इंतजार में हैं।
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