वैश्य महासम्मेलन की शानदार पहल, पिता को खो चुकी लड़कियों को कोचिंग जाने के लिए मिलेगी मुफ्त बस सेवा, बसों में होंगे जीपीएस सिस्टम

वैश्य महासम्मेलन एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत मुफ्त में बसें चलाई जाएंगी। यह उन लड़कियों के लिए होगी जिनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं।

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Raj Singh
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हाल ही में देश की कई बेटियों के साथ अप्रिय घटना की खबरें आई हैं, जिनने सभ्य समाज पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब देश की बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वैश्य महासम्मेलन ( vaishya mahasammelan ) एक बड़ी पहल शुरू करने जा रहा है। अपनी अनूठी पहल के तहत वैश्य महासम्मेलन एक पायलट प्रोजेक्ट (pilot project ) शुरू करने जा रहा है, ताकि समाज की ऐसी बेटियों की शिक्षा प्रभावित न हो, जिनके पिता किसी दुर्घटना या बीमारी के कारण इस दुनिया में नहीं हैं। ग्वालियर ( gwalior ) में 2 अक्टूबर से निशुल्क बस सेवा की यह परियोजना शुरू होने जा रही है।

5 अलग-अलग मार्गों से चलेंगी बसें

इस संबंध में वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ( mukesh aggarwal ) ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शहर के 5 अलग-अलग मार्गों से निशुल्क बस सेवा शुरू होने जा रही है। उन्होंने बताया कि यह सेवा उन लड़कियों के लिए शुरू की जा रही है जिनके घर में कोई पिता या भाई नहीं हैं, ताकि लड़कियां अन्य बच्चों की तरह कोचिंग जाकर पढ़ाई कर सकें।

बसों में होगा जीपीएस सिस्टम

पायलट प्रोजेक्ट ( pilot project ) के तहत जो बसें चलाई जाएंगी, वे टेक्नोलॉजी बेस होंगी। इन बसों में जीपीएस सिस्टम ( gps system ) होगा। इसका मकसद यह है कि घर बैठे ही परिजन अपनी बेटी की लोकेशन देख सकेंगे। इसके अलावा लड़कियों को यह भी फायदा होगा कि उन्हें बस के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि जीपीएस की मदद से उन्हें लोकेशन से पता चल जाएगा कि उनके स्टॉप पर बस को आने में कितना समय लगेगा। इसके अलावा सभी बसों में महिला कंडक्टर भी तैनात की जाएंगी।

हेल्पलाइन पर लड़कियां दर्ज करा सकती हैं शिकायत

2 अक्टूबर से वैश्य महिला हेल्पलाइन सेवा ( vaishya women helpline service ) भी शुरू हो जाएगी। अगर किसी लड़की को आने-जाने में कोई परेशानी हो तो वह वैश्य महिला हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगी। इस हेल्पलाइन से वैश्य समाज के युवाओं की एक टीम और पुलिस बल की एक टीम तुरंत मदद के लिए पहुंचेगी।

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महिला कंडक्टर रखने की ये है वजह?

बसों में महिला कंडक्टर ( women conductors ) रखने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लड़कियों की सुरक्षा से समझौता न हो। पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं बस कंडक्टरों द्वारा ही की गई हैं। बसों में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ या क्रूरता की घटनाओं में बस स्टाफ की भी संलिप्तता पाई गई है इसलिए पायलट प्रोजेक्ट की बसों में महिला कंडक्टरों की नियुक्ति का फैसला किया गया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया करेंगे उद्घाटन

युवा इकाई के जिला अध्यक्ष विवेक गुप्ता ( vivek gupta ) को पायलट प्रोजेक्ट सेवा का नोडल अधिकारी बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग की जाएगी और सफल होते ही इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। इस सेवा का उद्घाटन भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ( union minister jyotiraditya scindia ) करने वाले हैं।

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