तीन महीने पहले मर चुकी प्रेमिका ने बचा ली प्रेमी की जान, आखिर क्या हुआ, जानें पूरा मामला

मध्य प्रदेश के विदिशा से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है। यहां तीन महीने से जेल में बंद एक प्रेमी अपनी मृत प्रेमिका की वजह से आजाद हो सका। तो क्या है पूरा मामला, विस्तार से पढ़ें खबर

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश के विदिशा से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है। यहां एक गर्भवती नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली। नाबालिग की मौत के बाद परिजनों ने उसके प्रेमी अमित साहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों को हाथ में एक अहम सुराग मिला। 

दरअसल, जब डॉक्टर अस्पताल में नाबालिग लड़की का पोस्टमॉर्टम कर रहे थे, तो उन्होंने लड़की की मुट्ठी पर एक नोट देखा। जिस पर लिखा था कि उसकी मौत का जिम्मेदार उसका भाई कमलेश (बदला हुआ नाम) है।

10 जून 2024 से जेल में बंद था अमित

नाबालिग की हत्या के आरोप में प्रेमी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। इसमें उसकी ओर से कहा गया था कि जब परिवार को उनके रिश्ते के बारे में पता चला तो भाई ने बहन को परेशान करना शुरू कर दिया। इससे नाबालिग काफी परेशान थी। यह देखकर उसने मौत को गले लगा लिया। इस मामले में हाईकोर्ट की जस्टिस सुनीता यादव ने 10 जून 2024 से जेल में बंद प्रेमी अमित को जमानत दे दी।

छोटी बहन ने किया खुलासा- झूठ बोल रही है मां

इस पूरे मामले में नाबालिग की मां ने पुलिस को बताया था कि 4 जून 2024 की रात अमित उसके घर आया था। वह बेटी पर शादी का दबाव बना रहा था। साथ ही बेटी के ऐसा न करने पर उसे और उसके भाई को जान से मारने की बात भी कह रहा था। बेटी ने खुद उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी दी थी। इसके दो दिन बाद मेरी बेटी की मौत हो गई। वहीं इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया, जब नाबालिग की छोटी बहन की ओर से अलग ही दावा किया गया। उसने बताया कि मां सच नहीं बोल रही है। अमित 4 जून को घर नहीं आया, क्योंकि मैं बहन के साथ सोती थी। हालांकि नाबालिग की छोटी बहन ने ये जरूर बताया कि दीदी के पास कीपैड फोन था, जो अमित ने उसे दिया था।

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हथेली पर क्या लिखा था?

अमित को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई और पुलिस जांच में यह साफ हो गया कि इस पूरे मामले में अमित निर्दोष है। अगर नाबालिग लड़की की हथेली पर जो लिखा था, वह इस प्रकार है- मैं कमलेश (भाई का परिवर्तित नाम) के कारण मर रही हूं। मैं नहीं मरती, कमलेश ने मारा है। रजनीश (दूसरे भाई का बदला हुआ नाम) मेरा भाई, उसे कुछ मत करना।

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