मप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के मामले में सुप्रीम कोर्ट पर आज (28 मई) को फिर नजरें हैं। एसआईटी इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपने जा रही है। इसमें एसआईटी ने ना मंत्री शाह के बयान लिए और ना ही चश्मदीद गवाह उषा ठाकुर के जो उस समय मंच पर थीं और उन्हीं की विधानसभा में यह हुआ, लेकिन इसमें जानकारों ने अहम बात कही है।
SIT को बयान की जरूरत ही नहीं, मंत्री के यह वीडियो काफी
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12 मई को मानपुर के रायकुंडा गांव में मंत्री शाह के अनर्गल बयान को लेकर 13 मई की सुबह द सूत्र ने सबसे पहले न्यूज जारी की जिसके बाद देश में हड़कंप मच गया। उसी दिन दोपहर में मंत्री शाह ने सामने आकर पहले इसमें खेद जताया। इसके बाद बात नहीं बनी तो फिर शाम को माफी का वीडियो जारी किया लेकिन इसी में अंत में वह हंसते हुए नजर आए, यानी दिल से माफी मांगने वाली बात तो कुछ थी ही नहीं। इसके बाद हाल ही में मंत्री शाह ने लिखित माफी का पत्र अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया और साथ ही एक बार फिर माफी का वीडियो जारी किया। यानी कुल मिलाकर मंत्री के बयान का वीडियो और फिर माफी के एक नहीं तीन वीडियो यह चार वीडियो और साथ ही वह उनकी माफी का लिखित बयान ही उनके अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त है।
फिर एसआईटी जांच में क्या देगी
जानकारी के अनुसार एसआईटी यह वीडियो को लेकर ही पूरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देगी और इसके साथ ही यह जरूर जानकारी दी जाएगी कि वह वीडियो सही है या नहीं यानी इनसे किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं हुई है। बाकी जो धाराएं हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश से एफआईआर में लगी हैं, उन्हें तो खुद मंत्री के वीडियो और लिखित माफीनामा ही साबित कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें माफी देने से इंकार कर चुका है, हालांकि गिरफ्तारी पर अभी रोक लगी है।
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