मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह का नाम इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर उनका बयान हर किसी की आलोचाना का कारण बना हुआ है।
कर्नल सोफिया कुरैशी 'ऑपरेशन सिंदूर' की ब्रीफिंग करने वालीं भारतीय सेना की एक प्रमुख अधिकारी हैं, जिनकी पूरी देश में इज्जत है। लेकिन, विजय शाह ने उनके बारे में विवादित टिप्पणी करते हुए उन्हें पाकिस्तानियों और आतंकवादियों की बहन बता दिया।
यह बयान न केवल कर्नल सोफिया का अपमान था, बल्कि इसके बाद विजय शाह विपक्ष के निशाने पर आ गए। उनकी इस टिप्पणी ने उनकी छवि को भारी नुकसान पहुंचाया और वह राजनीतिक आलोचना का शिकार हुए।
'शेरनी' की शूटिंग रुकवा दी थी
इसके पहले भी विजय शाह अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर चुके हैं। करीब चार साल पहले उन्होंने अपनी 'ईगो' (Ego) के चलते अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी' की शूटिंग को रुकवा दिया था।
यह मामला नवंबर 2020 का है, जब विजय शाह तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में वन मंत्री थे। इस दौरान विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी' की शूटिंग मध्य प्रदेश के जंगलों में चल रही थी।
फिल्म की प्रोडक्शन टीम के वाहनों को कथित तौर पर बालाघाट जिले के वन अधिकारी द्वारा जंगल में जाने से रोका गया था। जिला वन अधिकारी ने यह निर्देश दिया था कि केवल दो गाड़ियां जंगल में जा सकती हैं। खबर थी कि शाह ने यह कदम विद्या बालन द्वारा उनके डिनर का आमंत्रण स्वीकार नहीं करने पर उठाया था।
क्या दी सफाई
विजय शाह ने इस आरोप पर अपनी सफाई दी थी। उनका कहना था कि उन्होंने विद्या बालन के साथ डिनर और लंच का निमंत्रण अस्वीकार किया था, लेकिन शूटिंग को रोकने का कोई इरादा नहीं था। शाह का कहना था कि वे शूटिंग के लिए परमिशन देने के लिए बालाघाट में मौजूद थे और विद्या बालन ने उन्हें डिनर का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन शूटिंग को कोई रोकने का इरादा नहीं था। इसके बावजूद यह घटना उनके खिलाफ एक और विवाद का कारण बनी।