/sootr/media/media_files/2025/03/31/ZZqjoJ1XJTtEqoN5DiZB.jpg)
उज्जैन में पिछले साल विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के लॉन्च के बाद अब विक्रमादित्य वैदिक ऐप भी लॉन्च होने जा रहा है। यह ऐप न केवल समय देखने के लिए, बल्कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक, पंचांग की दूसरी बारीकियों जैसे मांगलिक मुहूर्त, काल गणना, और अन्य धार्मिक व ज्योतिषीय जानकारी देने का भी काम करेगा। इस ऐप का उद्घाटन भारत के गृह मंत्री अमित शाह के हाथों होने की संभावना है।
विक्रमादित्य वैदिक ऐप का उद्देश्य
विक्रमादित्य वैदिक ऐप का मुख्य उद्देश्य भारतीय कैलेंडर प्रणाली और पंचांग की सटीक जानकारी को सब तक पहुंचाना है। ऐप में विभिन्न धार्मिक घटनाओं, शुभ मुहूर्त, तिथियों, ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति, और समय आधारित अन्य जानकारी दी जाएगी। इसे खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो अपनी धार्मिक गतिविधियों, व्रतों और ज्योतिषीय जानकारी को सटीक रूप से जानना चाहते हैं।
विक्रमादित्य वैदिक ऐप के प्रमुख फीचर्स
-
पंचांग की जानकारी
इस ऐप में आपको हर दिन का पंचांग मिलेगा, जिसमें सूर्योदय, सूर्यास्त, शुभ मुहूर्त, चंद्रमा की स्थिति, और अन्य धार्मिक और ज्योतिषीय जानकारियाँ शामिल होंगी। -
मांगलिक कार्य और काल गणना
ऐप में आप मांगलिक कार्य और काल की गणना भी देख सकेंगे, जिससे आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए सही समय का चुनाव कर सकते हैं। -
ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी
ऐप में आने वाले समय में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति और उनका प्रभाव भी देखने को मिलेगा। इससे लोग अपनी दैनिक गतिविधियों और जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों को ग्रह-नक्षत्रों के हिसाब से निर्धारित कर सकेंगे। -
सभी प्रमुख भाषाओं में उपलब्ध
यह ऐप भारत और दुनिया के करीब 189 भाषाओं में उपलब्ध होगा, जिससे इसे हर वर्ग के लोग आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे।
गुजरात और यूपी की टीमों ने किया विकसित
यह ऐप गुजरात और उत्तर प्रदेश की टीमों द्वारा मिलकर विकसित किया गया है। इसे एंड्रॉइड और IOS दोनों प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड किया जा सकेगा। खास बात यह है कि यह ऐप पूरी तरह से मुफ्त होगा। फिलहाल, ऐप का ट्रायल रन गूगल प्ले स्टोर पर चल रहा है, और इसे जल्द ही नए अपडेट के साथ अप्रैल में लॉन्च कर दिया जाएगा।
खबर यह भी...उज्जैन विक्रमोत्सव 2025: 10 दिन बढ़ा मेला का समय, अब तक बिकीं 24 हजार से ज्यादा गाड़ियां
पंचांगों में मतभेद क्यों होते हैं?
विक्रमादित्य वैदिक ऐप के निदेशक श्रीराम तिवारी के अनुसार, भारतीय पंचांगों में मतभेद का मुख्य कारण अलग-अलग शहरों में रहने वाले ज्योतिषियों द्वारा अपनी-अपनी कालगणना की प्रणालियां विकसित करना है। कुछ शास्त्रों के अनुसार, समय और तिथियों की गणना का तरीका अलग-अलग हो सकता है, लेकिन यह मतभेद केवल भौगोलिक कारणों से हुआ है, ना कि भारतीय कालगणना की परंपरा में कोई अंतर होने के कारण।
खबर यह भी...सिंहस्थ: उज्जैन में साधु-संतों, अखाड़ों को स्थायी रूप से आश्रम के लिए मिलेगी जमीन
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की सफलता
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में किया था। यह घड़ी दुनिया की पहली घड़ी है, जो भारतीय कालगणना के सभी घटकों को शामिल करती है। इस घड़ी में विक्रम संवत, योग, भद्रा, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्योहार, चौघड़िया, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण आदि सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है।
FAQ
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें