संजय गुप्ता@ INDORE.
व्यापमं घोटाले के आरोपी डॉ. विनोद भंडारी को ED से तगड़ा झटका मिला है। ईडी द्वारा घोटाले में अटैच की गई उनकी जमीन को मुक्त नहीं किया जाएगा। डॉ. भंडारी इस जमीन के बदले में ईडी को एफडी देना चाहते थे। उनके पक्ष में जिला कोर्ट से आदेश भी हो गया था, लेकिन फिर ईडी हाईकोर्ट अपील में गया। वहां पर डॉ. भंडारी के पक्ष में हुए स्पेशल कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए ईडी की अटैचमेंट को ही मान्य किया गया।
7 करोड़ की एफडी के बदले चाहते थे जमीन
ईडी ने व्यापमं घोटाले में अपने यहां भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया हुआ है। इसमें डॉ. भंडारी की भौंरासला सांवेर की सर्वे नंबर 5/2 की जमीन जो उन्होंने साल 2012 में खरीदी थी, उसे मार्च 2016 में ईडी ने अटैच कर लिया था। बाद में ईडी ट्रिब्यूनल ने भी अटैचमेंट पर मुहर लगा दी। यह जमीन डॉ. विनोद भंडारी के साथ ही डॉ. महक भंडारी भी संयुक्त स्वामी है। डॉ. भंडारी की ओर से इस जमीन को मुक्त करते हुए 7 करोड़ की एफडी देने की बात कही गई। उनके पक्ष में स्पेशल कोर्ट से जून 2023 में आदेश भी हो गया।
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हाईकोर्ट ने ईडी का पक्ष सही पाया
ईडी ने यह कहते हुए हाईकोर्ट में अपील कर दी कि पीएमएलए 2002 एक्ट यानी मनी लॉन्ड्रिंग में यह संपत्ति अटैचमेंट के बदले एफडी की बात नहीं है। यह नियमों के विरुद्ध है। इसे हाईकोर्ट ने मान्य किया और स्पेशल कोर्ट का आर्डर खारिज कर दिया। इसमें डॉ. विनोद भंडारी के साथ उनकी पत्नी मंजूश्री भंडारी और डॉ. महक भंडारी भी पक्षकार थे।
ईडी के चालान में डॉ. भंडारी ने व्यापमं घोटाले में 8.93 करोड़ रुपए कमाए
ईडी के चालान में है कि डॉ. भंडारी ने व्यापमं घोटाले में पीएमटी 2012 व प्री पीजी एग्जाम 2012 में धांधली के जरिए 8.93 करोड़ रुपए की कमाई की। इसी से इस दौरान यह संपत्तियां खरीदी थी।
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