संजय शर्मा, BHOPAL. भदभदा बस्ती में तालाब के कैचमेंट एरिया में बने मकान खाली करने की चेतावनी के बाद मचे हड़कंप के बीच रविवार, 18 फरवरी को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेताओं के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बस्ती में रहने वालों के घर देखे और उनसे बात की। सोमवार से नगर निगम द्वारा बस्ती को खाली कराने की मुनादी से घबराए लोगों को ढांढस भी बंधाया। उन्होंने कहा वे शासन के अधिकारिओं से बात करेंगे और जरूरत पड़ने पर एनजीटी टिब्यूनल के सामने भी पक्ष रखेंगे। उन्होंने सरकार से भी मानवीय दृष्टिकोण अपनाने हुए गरीब-मजदूर परिवारों को राहत देने की भी अपील की।
बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में मकान खाली कराने कराई गई मुनादी
बड़े तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में आने वाली भदभदा बस्ती से मकान खाली कराने की मुनादी कराई गई है, जिसके बाद से ही बस्ती में रहने वाले मजदूर परिवार चिंता में डूबे हुए हैं। नगर निगम की चेतावनी के साथ ही यहां रहने वाले परिवारों के नल और बिजली कनेक्शन भी काट दिए गए हैं। बच्चों की परीक्षा चलने और वैकल्पिक जगह न होने से सैंकड़ों परिवार परिवारों के बेघर होने की खबर लगने पर रविवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ताओं के साथ बस्तीवासियों से मिलने पहुंचे। उन्होंने बस्ती में घूमकर परिवार के लोगों से बात की तो बेघर होने की शंका से परेशान लोगों प्रशासन की सख्ती और दूसरी जगह घर दिए बिना हटाए जाने के बारे में बताया।
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'हटाने से पहले लोगों को बसाने का इंतजाम करना चाहिए'
पूर्व सीएम ने कहा की जिस जगह से लोगों को एनजीटी के नोटिस और आदेश का हवाला देकर बेघर किया जा रहा है। वे कई दशकों से यहां रह रहे हैं। ऐसे में उन्हें यहां से हटाने से पहले नई जगह बसाने का इंतजाम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन को मानवीय और व्यवहारिक दृष्टि से विचार करना चाहिए। वे इस मामले में मुख्य सचिव और डीजीपी से बात करेंगे। अगर जरुरत होगी तो वे एनजीटी भी जाएंगे।
बस्ती वक्फ के नाम दर्ज, मामला कोर्ट में लंबित
दिग्विजय ने कहा, जिस जगह बस्ती है वह वक्फ के नाम पर दर्ज है और मामला कोर्ट में चल रहा है। उन्होंने सरकार से भी मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है। वहीं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बताया की एनजीटी के आदेश के नाम पर नगर निगम जबरदस्ती कर रहा है। गरीब और मजदूर तबके के लोगों को बेवजह हटाने की कोशिश की जा रही है, जबकि भदभदा बस्ती के पास बना तालाब आर्टिफिशियल है, प्राकृतिक नहीं है। उसे बहुत बाद में बनाया गया है। सैंकड़ों सालों से इस बस्ती के अलावा आसपास के कई गांव यहां बसे हैं, फिर ये कैचमेंट एरिया में आने कैसे आ गए? जब तक इन परिवारों को दूसरे आवास नहीं दे दिए जाते उन्हें बेदखल नहीं किया जाना चाहिए।