जल संसाधन विभाग में मनमानी , संविदा नियुक्ति के पीछे ठेकों का खेल

मध्यप्रदेश में जल संसाधन विभाग में रिटायरमेंट हो चुके चहेतों को उच्च पद पर संविदा नियुक्ति दी जा रही है। दो महीने बाद फिर रिटायर SE को प्रमुख अभियंता बनाकर इस खेल को दोहराया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने विभाग से जवाब मांगा है...  

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Jitendra Shrivastava
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संजय शर्मा, BHOPAL. जल संसाधन विभाग ( Water Resources Department ) में रिटायरमेंट के बाद SE को कभी इंजीनियर इन चीफ तो कभी प्रमुख अभियंता बनाने का खेल चल रहा है। दो महीने पहले ही मनमाने तरीके से संविदा पर ENC बनाए गए SE को हाईकोर्ट मूल पद पर वापस लौटा चुका है। अब दो महीने बाद विभाग ने फिर रिटायर हुए SE को प्रमुख अभियंता बनाकर खेल को दोहराया है। इस मामले में भी हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है। बार-बार रिटायर अधिकारियों को उच्च पद पर संविदा नियुक्ति ( Contractual Appointment ) देने के पीछे विभाग में ठेकों का खेल बताया जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में भी विभाग के आदेश पर रोक लगा रिटायर SE को संविदा नियुक्ति देने पर जवाब मांगा है।

क्या है संविदा पर SE की नियुक्ति का मामला 

जल संसाधन विभाग में प्रमुख अभियंता के रिटायरमेंट हुआ है। जिसके बाद से यह पद रिक्त था। विभाग के अधिकारियों ने पिछले महीने ही इस खाली पद को संविदा नियुक्ति से भरने के लिए फाइल आगे बढ़ाई थी। इसी दौरान विभाग से रिटायर हुए  SE शिशिर कुशवाहा को इस पद पर संविदा नियुक्ति देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। रिटायरमेंट के बाद SE कुशवाहा को चीफ इंजीनियर बनाने का फैसला तब लिया गया, जबकि विभाग में उनके समकक्ष कई अधिकारी काम कर रहे थे। इसी वजह से आला अफसरों की मनमानी के खिलाफ मामला कोर्ट पहुंच गया। कार्यरत अधिकारियों की  अनदेखी कर शिशिर कुशवाहा को चीफ इंजीनियर बनाने के केस में हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान अधिकारियों से पूछा है, क्या विभाग में समकक्ष अधिकारी नहीं हैं। वहीं विभाग के एसीएस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। 

हो चुका है रिटायर SE को ENC बनाने का खेल

विभाग के कर्मचारियों के अनुसार आला अफसर और राजनीतिक लोगों के इशारे पर संविदा नियुक्तियों से अपने चहेतों को उपकृत करते आ रहे हैं। इसी साल कोर्ट ने इंजीनियर इन चीफ बनाए गए अधिकारी को मूल पद पर वापस किया था। तब भी  SE रैंक के इन अधिकारी को रिटायरमेंट के बाद संविदा पर ENC के उच्च पद पर नियुक्ति दी गई थी। इस दौरान भी कार्यरत और वरिष्ठता क्रम वाले SE को नजरअंदाज किया गया था। अपने अधिकार प्रभावित होने पर इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। 

शिशिर कुशवाहा को दी गई संविदा नियुक्ति 

एक बार फिर अधिकारियों ने वैसा ही खेल शुरू कर दिया है। जबकि विभाग में पदोन्नति का नियम है। साथ ही SE के पद पर पांच साल कार्य करने वाले अधिकारी को उच्च पद पर पदस्थ या प्रभार दिया जा सकता है। इसके बाद भी अधिकारी बिना रोकटोक ठेकों को खेल खेलने अपने चहेतों को काम देकर नियमों को बनाने-बदलने के रिटायर को उच्च पद पर संविदा नियुक्ति देते हैं। जबकि इससे शासन पर अतिरिक्त आर्थिक भार भी पड़ता है। कुछ महीनों पहले ENC के खाली पद को भरने के लिए भी मनमानी की गई थी। उसके बाद प्रमुख अभियंता एमएस डाबर के रिटायर होने पर इस पद पर शिशिर कुशवाहा को संविदा नियुक्ति दे दी गई।

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