रविकांत दीक्षित, BHOPAL. राजनीति जो कराए सो कम है। अब देखिए न बालाघाट सीट से लोकसभा चुनाव के रण में उतरे कंकर मुंजारे ने घर छोड़ दिया है। वे दिनभर क्षेत्र में प्रचार करते हैं और रात में खुले आसमान के तले रातें गुजारते हैं। इसकी वजह बड़ी रोचक है। दरअसल, कंकर मुंजारे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी अनुभा मुंजारे ( MLA Anubha Munjare ) कांग्रेस से विधायक हैं। जब कंकर को टिकट मिला था तो उन्होंने पत्नी अनुभा को नसीहत दी थी। कंकर ने कहा था कि अनुभा को चुनाव में कांग्रेस का प्रचार करना है तो घर छोड़ना होगा। इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरीं। अब जब अनुभा ने घर नहीं छोड़ा तो पति कंकर ने घर छोड़ दिया है। उन्होंने चुनाव तक गांगुलपारा के पास झोपड़ीनुमा ठीया तैयार कर लिया है। वे चुनाव तक यहीं गुजर-बसर करेंगे।
'द सूत्र' से क्या बोले कंकर...
'द सूत्र' से बातचीत में कंकर मुंजारे ने कहा कि मैंने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की है। दो विचाराधारा वाली पार्टियों के लोग घर में नहीं रह सकते हैं। मैं उनकी (पत्नी) पार्टी का विरोध कर रहा हूं, वे मेरी पार्टी का विरोध कर रही हैं। ऐसे में हम दोनों एक साथ कैसे रह सकते हैं। इसलिए मैंने चुनाव तक के लिए घर छोड़ दिया है।
अनुभा बोलीं- यह धर्मसंकट की घड़ी
कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे का कहना है कि यह भले मेरे लिए धर्मसंकट की घड़ी है, हो लेकिन मैं कभी अपने पति का विरोध नहीं करती। कांग्रेस पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताते हुए विधायक बनने का अवसर दिया है, इसलिए हर परिस्थिति में पार्टी के साथ हूं। मैं घर में पति धर्म निभाऊंगी। घर से बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में चुनाव में प्रचार करूंगी।।
पहले पत्नी को दी थी नसीहत
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले बसपा प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने अपनी विधायक पत्नी अनुभा को घर छोड़ने की नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था कि अनुभा अपनी बहन के घर में रहें और वहीं से कांग्रेस का प्रचार करें। यह खबर मीडिया में छाई रही। अब जब अनुभा ने घर नहीं छोड़ा तो कंकर खुद घर से बाहर हो गए हैं। वे कहते हैं कि एक ही घर से दो पार्टियों का प्रचार उनके उसूलों के खिलाफ है।
और भी कई हस्तियां इसमें एक परिवार, दो विचार ...
ये तो हुई कंकर और अनुभा की बात, देश की राजधानी में ऐसे नेताओं की कमी नहीं है। एक ही छत के नीचे कई पति-पत्नी अलग-अलग राजनीतिक झंडे थामे नजर आते हैं। इसके इतर कई परिवारों में विचारधारा का मेल नहीं हो सका।
सुषमा स्वराज के पति समाजवादी
देश की पूर्व विदेश मंत्री एवं विदिशा से सांसद रहीं सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल समाजवादी विचारधारा के हैं। दिवंगत सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल 37 बरस की उम्र में मिजोरम के गवर्नर बन गए थे। आपको बता दें कि सुषमा स्वराज ने हमेशा बीजेपी की राजनीति की। पार्टी के शीर्ष नेताओं में उनकी गिनती होती थी।
पप्पू यादव और रंजीत रंजन
बिहार में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की लव स्टोरी काफी चर्चा में रही है। पूर्व सांसद रहे पप्पू ने खुद की जन अधिकार पार्टी बनाई थी, जबकि उनकी पत्नी रंजीत रंजन बिहार में सुपौल क्षेत्र से कांग्रेस सांसद रही हैं। रंजीत रंजन अब छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं। हालांकि, पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया है।
अमिताभ और जया बच्चन का नाम
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और जया बच्चन अलग-अलग राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अमिताभ वर्ष 1984 में इलाहाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते थे। वहीं, उनकी पत्नी जया बच्चन अभिनेता से नेता बनीं। वे समाजवादी विचारधारा की हैं। वे वर्तमान में सपा से ही राज्यसभा सांसद हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा
अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा और उनकी पत्नी पूनम सिन्हा का नाम भी ऐसे ही कपल्स में आता है। शत्रुघ्न ने बीजेपी से अपने पॉलिटिकल कॅरियर की शुरुआत की। इसके बाद वे ममता दीदी वाली टीएमसी में गए और प.बंगाल की आसनसोल सीट से सांसद बने। वे इस बार भी चुनावी मैदान में हैं। उनकी पत्नी पूनम सिन्हा ने 2019 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे राजनाथ सिंह के सामने हार गई थीं।