कैलाश विजयवर्गीय जहां गए, वहीं निपटी कांग्रेस, सुरजीत चड्‌ढा और सदाशिव यादव पर भी भारी पड़ी यही गृहदशा

इंदौर विधानसभा चार में 1990 में पहली बार विधानसभा चुनाव के लिए कैलाश विजयवर्गीय उतरे और जीते, तब से अभी तक कांग्रेस यहां से जीत नहीं सकी है। यह सबसे ज्यादा वोट से जीत हासिल करने वाली विधानसभाओं में से एक है। 

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
 Kailash Vijayvargiya
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस का आंकड़ा 36 का है। जहां कैलाश जाते हैं, वहां से कांग्रेस निपट जाती है। यह बात साल 1990 से ही चली आ रही है और 2024 में भी फिर सही साबित हुई।

यह बात अब कांग्रेस शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्‌ढा और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव पर भारी साबित हुई है। गांधी भवन कांग्रेस दफ्तर में 12 जुलाई को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे थे और चड्‌ढा और यादव दोनों ही अब पद से निलंबित हो गए और कुर्सी संकट में है।  

इस तरह कैलाश चले और कांग्रेस निपटी

इंदौर विधानसभा चार में 1990 में पहली बार विधानसभा चुनाव के लिए कैलाश विजयवर्गीय उतरे और जीते, तब से अभी तक कांग्रेस यहां से जीत नहीं सकी है। यह सबसे ज्यादा वोट से जीत हासिल करने वाली विधानसभाओं में से एक है। 
इंदौर विधानसभा दो में विजयवर्गीय 1993 में विधासनभा दो से उतरे, और इसके बाद से आज तक यहां कांग्रेस नहीं जीत सकी और यह मप्र में सबसे ज्यादा वोट से बीजेपी द्वारा जीती जाने वाली सीट है।
इन दो विधानसभा से कांग्रेस का पत्ता साफ करने के बाद विजयवर्गीय इंदौर महू सीट में साल 2008 में गए और कांग्रेस की मजबूत सीट पर पटखनी दी। इसके बाद से अभी तक कांग्रेस यहां नहीं जीती और उलटे कई कांग्रेसी पूर्व विधायक तक बीजेपी में शामिल हो गए। 
दस साल के अंतर के बाद विजयवर्गीय इंदौर एक की विधानसभा में साल 2023 में उतरे और फिर कांग्रेस को पटखनी दी और बीजेपी ने सीट जीती। साथ ही पूर्व कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला व अन्य नेता बीजेपी में आ गए। 

कांग्रेस का प्रत्याशी ही बीजेपी में चला गया

लोकसभा इंदौर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम तो बीजेपी में ही शामिल हो गए। हालत यह रही कि कांग्रेस का प्रत्याशी ही इस बार इंदौर सीट पर नहीं था और मजबूरी में कांग्रेस को नोटा का सपोर्ट करना पड़ा। हालत यह रही इंदौर में बीजेपी ने देश की वोटों के हिसाब से सबसे बड़ी 11.75 लाख वोट की रिकार्ड जीत हासिल की। 

यहीं नहीं छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा भी निपट गया

बात यहीं नहीं रुकी, अभी तक अभेद छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भी बीजेपी ने जीत ली और पूर्व सीएम कमलनाथ अपना घर नहीं बचा सके, उनके पुत्र नकुलनाथ की हार हुई। वहीं कई कांग्रेस के कट्‌टर नेता बीजेपी में शामिल हो गए। यहां तक अमरवाडा विधानसभा सीट भी उपचुनाव में बीजेपी ने हासिल कर ली। विजयवर्गीय इस क्षेत्र के लोकसभा में क्लस्टर हेड बने थे।

sanjay gupta

thesootr links


  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

 

कैलाश विजयवर्गीय इंदौर कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा सुरजीत सिंह चड्ढा जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव