MP की तीन हॉट सीट पर किसका कितना स्ट्राइक रेट?

मध्यप्रदेश की तीन हाईप्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा, राजगढ़ और गुना का सियासी समीकरण कैसा होगा, किस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस का स्ट्राइक रेट कितना है। आइए आपको बताते हैं कि इन हॉट सीटों पर कौन किस प्रत्याशी पर कितना भारी पड़ेगा...

Advertisment
author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
THESOOTR

MP की तीन हॉट सीट।

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रामकृष्ण गौतम, BHOPAL. मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को होने वाली वोटिंग को लेकर चुनावी सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें MP की तीन हॉट सीट में से एक छिंदवाड़ा भी शामिल है। जहां मंगलवार को खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे और कांग्रेस को निशाने पर लिया। छिंदवाड़ा पर बीजेपी का खास फोकस है यहां कैलाश विजयवर्गीय ने मोर्चा संभाल रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी छिंदवाड़ा के आठ दौरे कर चुके हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी रैली कर चुके हैं। अश्लील सीडी कांड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर पर एक दिन पहले पुलिस भी पहुंच चुकी है। यानी बीजेपी हर हाल में छिंदवाड़ा का चक्रव्यूह भेदना चाहती है। चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को दो और हाईप्रोफाइल सीटों राजगढ़ और गुना में वोटिंग होनी है। राजगढ़ दिग्विजय सिंह का गढ़ है तो गुना में सिंधिया और मोदी का चेहरा भारी पड़ता नजर आ रहा है।

बीजेपी का लक्ष्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतना

फिलहाल मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के पास 28 और कांग्रेस के पास सिर्फ 1 सीट है और वो सीट है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा। इस सीट को भेदने के लिए बीजेपी जी तोड़ कोशिश कर रही है। इस बार बीजेपी का लक्ष्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतना है। आज छिंदवाड़ा में चुनावी सभा करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी जमकर हुंकार भरी। कांग्रेस को यहां कमलनाथ के इमोशनल कार्ड और बीजेपी को मोदी मैजिक के दम पर जीत की आस है। छिंदवाड़ा में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है।  

छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश की पहली हॉट सीट

  • पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नौ बार छिंदवाड़ा से सांसद रह चुके हैं। उनकी पत्नी अल्का नाथ भी एक बार सांसद रही हैं। 
  • 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने जीत दर्ज की थी।
  • बीजेपी इस सीट पर सिर्फ एक बार जीत दर्ज कर पाई है। 1997 में बीजेपी प्रत्याशी सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हराया था। 
  • इस बार कमलनाथ परिवार के सामने भी बड़ी चुनौती है। उनके कई करीबी पार्टी का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। जिनमें कमलनाथ के
  • खासमखास पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना भी शामिल हैं।
  • अश्लील सीडी कांड को लेकर पुलिस भी कमलनाथ के छिंदवाड़ा स्थित घर पहुंच चुकी है।
  • छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी का खास फोकस। यहां कैलाश विजयवर्गीय ने मोर्चा संभाल रखा है। 
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आठ बार छिंदवाड़ा का दौरा कर चुके हैं।
  • राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी रैली कर चुके हैं। 

2019 के लोकसभा चुनाव का छिंदवाड़ा सीट का सियासी समीकरण... 

  • कांग्रेस उम्मीदवार नकुलनाथ ने बीजेपी के नत्थन शाह कवरेती को 37 हजार 536 वोटों से हराया था।
  • 2019 में नकुलनाथ को 5 लाख 87 हजार 305 और नत्थनशाह को 5 लाख 49 हजार 769 वोट मिले थे।
  • इस बार छिंदवाड़ा से नकुलनाथ के मुकाबले बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है।

छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बेहतर

यानी छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को बीजेपी ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। ये प्रदेश की इकलौती लोकसभा सीट है जिसे बीजेपी मोदी की भारी लहर में भी जीत नहीं पाई है। साथ ही 2023 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा लोकसभा के तहत आने वाली सभी सातों सीटें कांग्रेस ने ही जीती हैं। लिहाजा बीजेपी हर स्तर पर कांग्रेस को घेरकर ये सीट इस बार किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहती है। हालांकि, फिलहाल छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बीजेपी की तुलना में बेहतर है, लेकिन बीजेपी भी अपना स्ट्राइक रेट सुधारने में लगी हुई है।

प्रदेश की दूसरी हॉट सीट है राजगढ़...

  • इस सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग होनी है।
  • 33 साल बाद यहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अपने गढ़ को अजेय बनाए रखने के लिए दिग्विजय सिंह भरपूर कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
  • 31 मार्च से दिग्गी का गढ़ माने जाने वाले राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र की पैदल यात्रा भी शुरू कर चुके हैं।
  • राजगढ़ से दिग्विजय सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने से बीजेपी के लिए ये सीट बड़ी चुनौती बन गई है। 
  • बीजेपी ने मौजूदा सांसद रोडमल नागर को फिर से टिकट दिया है, लेकिन उनके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी का माहौल देखते हुए बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल दी है।
  • बीजेपी अब यहां पीएम मोदी की लोकप्रियता, राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और राम मंदिर जैसे मुद्दों को आगे कर रही है।

जनता मोदी के नाम पर ही वोट देगी

बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि रोडमल नागर भले ही चर्चित चेहरा नहीं हैं, लेकिन जनता वोट मोदी के नाम पर ही देगी। इसका उदाहरण ब्यावरा में 8 अप्रैल को बीजेपी की सभा में देखने को भी मिला, जहां विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि क्या तुम यानी बीजेपी कार्यकर्ता चाहते हो कि आज तिलक वालों की चल रही है, फिर दाढ़ी वालों की चलने लगे? ये चुनाव रोडमल नागर का नहीं है। यह चुनाव तो उन राम भक्तों का है, जो 500 सालों से प्रतीक्षा कर रहे थे। दूसरी तरफ राजनीति के जानकार कहते हैं कि हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी शुरुआत से ही दिग्विजय सिंह पर हमलावर रही है। खुद दिग्विजय सिंह की एंटी हिंदू छवि और उनके विवादित बयानों ने बीजेपी के तर्कों को बल दिया है। हालांकि, दिग्विजय सिंह बीजेपी के हर उस मुद्दे का जवाब दे रहे हैं जो वो उठा रही है। जैसे दिग्गी पदयात्रा निकालकर ये साबित करना चाहते हैं कि 77 साल की उम्र में भी वो फिट हैं, क्योंकि बीजेपी समय-समय पर उनकी उम्र को लेकर भी सवाल उठाती रही है। फिर दिग्विजय सिंह इमोशनल कार्ड भी खेल रहे हैं कि ये उनका आखिरी चुनाव है।  

राजगढ़ सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव का सियासी समीकरण...

  • 2019 के आम चुनाव में राजगढ़ सीट पर बहुत मजेदार चुनावी मुकाबला देखने को मिला था। 
  • बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर ने पिछले चुनाव में 4 लाख 31 हजार 19 वोटों से जीत दर्ज की थी, उन्हें कुल 8 लाख 23 हजार 824 वोट मिले थे।
  • नागर ने कांग्रेस उम्मीदवार मोना सुस्तानी को हराया था, जिन्हें 3 लाख 92 हजार 805 वोट मिले थे।
  • यानी फिलहाल राजगढ़ में बीजेपी का स्ट्राइक रेट कांग्रेस से बेहतर है और कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सुधारने के लिए खुद दिग्विजय सिंह काफी मेहनत कर रहे हैं।

प्रदेश की तीसरी हाईप्रोफाइल सीट है गुना...

  • गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मौजूदा सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया है।
  • कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर आए यादवेंद्र यादव पर दांव लगाया है।
  • यादवेंद्र यादव विधानसभा चुनाव में मुंगावली सीट से बीजेपी के ब्रजेंद्र यादव से हार गए थे।
  • गुना से कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव ने पहले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन विरोध के बाद वो पीछे हट गए।
  • इस लोकसभा में गुना, शिवपुरी और अशोक नगर जिले की 8 विधानसभाएं गुना, बमोरी, शिवपुरी, कोलारस, पिछोर, चंदेरी, मुंगावली और अशोकनगर आती हैं।
  • इनमें से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ बमोरी और अशोकनगर सीट ही जीत पाई थी।
  • गुना में यादवेंद्र की तुलना में सिंधिया और मोदी का चेहरा भारी है जबकि यादव वोटर्स कांग्रेस के साथ नजर आ रहे हैं।
  • गुना सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव का सियासी समीकरण देखें तो यहां से चार बार सांसद रहे दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को करारी हार मिली थी।
  • उन्हें बीजेपी उम्मीदवार डॉ. केपी यादव ने 1 लाख 25 हजार 549 वोटों से हराया था। 
  • 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को 4 लाख 88 हजार 500 और डॉ. केपी यादव को 6 लाख 14 हजार 49 वोट मिले थे।

गुना लोकसभा सीट सिंधिया परिवार का गढ़ है

इस सीट पर सिंधिया राजघराने के सदस्यों का ही राज रहा है। ग्वालियर के बाद गुना ही वो लोकसभा सीट है जहां से सिंधिया परिवार चुनाव लड़ना पसंद करता है। ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट पर ज्यादातर जीतते आए हैं। यानी 2019 का लोकसभा चुनाव छोड़ दें तो गुना सीट पर कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बीजेपी से बेहतर है, लेकिन इस बार समीकरण काफी बदले हुए हैं। लिहाजा कोई भी कयास लगाना मुश्किल है।

MP की तीन हॉट सीट स्ट्राइक रेट