NRI मध्यप्रदेश में क्यों कर रहे हजारों कॉल ? जानिए वजह

देश में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग का पहला चरण शुरू होने वाला है। बीते कुछ दिनों से 21 देशों के NRI मध्यप्रदेश की ओर केंद्रित हुए हैं। आखिर NRI मध्यप्रदेश में फोन क्यों कर रहे हैं ?

Advertisment
author-image
Rahul Garhwal
New Update
Why are NRI making thousands of calls in Madhya Pradesh
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

NRI Are Calling In Madhya Pradesh

नील तिवारी, JABALPUR. 21 देश के NRI बीते कुछ दिनों से सिर्फ मध्यप्रदेश पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। हॉन्गकॉन्ग, लंदन और अफ्रीका तक से मध्यप्रदेश की विधानसभा के मतदाताओं को रिझाने के लिए बाकायदा एनआरआई सेल एक्टिव है। वे वीडियो कॉल, फोन कॉल सहित चाय पर चर्चा कर रहे हैं। अप्रवासी भारतीयों के द्वारा हाल ही में एक कॉल-अ-थोन (call-a-thon) का आयोजन किया गया था। जिसमें मध्यप्रदेश के लगभग 50 हजार से ज्यादा मतदाताओं को फोन कर ये बताया गया कि वो बीजेपी के विदेश विभाग से बात कर रहे हैं और मोदी सरकार की नीतियों के बारे में उनकी राय जानते हुए 400 पार के टारगेट को पूरा करने मतदान करने की अपील की गई।

छिंदवाड़ा और मंडला है मुख्य टारगेट

हॉन्गकॉन्ग में रहने वाले एनआरआई सेल के प्रमुख संजय नागरकर सहित कई अप्रवासी भारतीयों ने आजकल मध्यप्रदेश में डेरा डाला हुआ है।  चाय पर चर्चा से लेकर कई तरह के आयोजन किए जा रहे हैं, जिसमें विदेश में रहने वाले वैज्ञानिक और प्रोफेसर तक फोन कॉल और ऑनलाइन बैठकों में विदेश से मिलने वाले संसाधनों का उपयोग मध्यप्रदेश में करने पर भी चर्चा कर रहे हैं। बीजेपी के सूत्रों के अनुसार इस एनआरआई सेल का मुख्य टारगेट छिंदवाड़ा में कांग्रेस का गढ़ ध्वस्त करना है।

इन देशों में रहने वाले NRI प्रचार में जुटे

जिन 21 से ज्यादा देशों के NRI प्रचार में जुटे हैं, उनमें USA, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, जापान, रूस, यूके, कनाडा, तंजानिया, डेनमार्क, स्वीडन, ओमान, बहरीन, पोलैंड, कुवैत, नीदरलैंड, जर्मनी, हॉन्गकॉन्ग, यूएई, मलेशिया, नाइजीरिया, नॉर्वे, केन्या, दक्षिण अफ्रीका के 250 से अधिक अप्रवासी भारतीय है।

10 बिंदुओं पर रिझाए जा रहे वोटर

अप्रवासी भारतीयों के द्वारा मतदाताओं से संपर्क के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं, संपत्ति प्रबंधन, कानूनी, बैंकिंग सेवाएं, एयरलाइन कनेक्टिविटी, आपात पासपोर्ट और वीजा सहायता के साथ ही स्थानीय विश्वविद्यालयों और विदेशी यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग, छात्र के आदान-प्रदान जैसे बिंदुओं पर बात की जा रही है। अब अगर छिंदवाड़ा, मंडला या जबलपुर जैसे जिलों की बात करें, तो यहां के लिए विदेश से मिलने वाली इस तरह की सहायता तो एक सपना साकार हो जाने जैसा है। अप्रवासी भारतीयों (NRI) के फोन कॉल और चर्चा, चुनाव परिणाम पर कितना असर डालती हैं। इसका जवाब तो मतगणना के बाद ही सामने आएगा। लेकिन बीजेपी अपने टारगेट को पूरा करने के लिए कोई भी कसर छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है।

Lok Sabha Elections | लोकसभा चुनाव | अप्रवासी भारतीय मध्यप्रदेश में कर रहे फोन

Lok Sabha elections लोकसभा चुनाव NRI NRI are calling in Madhya Pradesh अप्रवासी भारतीय अप्रवासी भारतीय मध्यप्रदेश में कर रहे फोन