BHOPAL. मध्य प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर बीजेपी और कांग्रेस में सियासी जंग छिड़ गई है। दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने प्रदेश में 'बेटी बचाओ अभियान' शुरू किया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का कहना है कि ये एक इवेंट नहीं, बल्कि असल में बेटियों को बचाने की मुहिम है। पटवारी गांधी जयंती पर सुबह स्कूल की बच्चियों से मिलने पहुंचे और बेटियों की सुरक्षा और गांधी के मूल्यों पर बात की। जीतू का कहना है कि मध्यप्रदेश में तीन साल की बच्ची से लेकर 70 साल की महिला तक कोई भी सुरक्षित नहीं है।
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, भाजपा सरकार में बेटियां पैदा होने के साथ ही लखपति होती हैं। कांग्रेस कुशासन में बेटियों को अभिशाप समझा जाता था, जबकि भाजपा सरकार में बेटियों को वरदान माना जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने महिलाओं को हमेशा प्रोत्साहित किया है।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ.हितेष वाजपेयी ने कहा, कांग्रेस का अच्छा प्रयास है, लेकिन क्यों न कांग्रेस इसे पहले अपने घर से शुरू करे? दिग्विजय सिंह सब उन महिलाओं से माफी मांगें, जिन्होंने उनसे इंसाफ चाहा है, जैसे सरला मिश्रा से लेकर मीनाक्षी तक। मोरवाल जैसे नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया जाए। सुकन्या देवी से मिलकर उनसे भी नेता माफी मांगें। जीतू पटवारी इमरती देवी से मिलकर क्षमा मांगें। जितने भी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोर्ट में महिला विरोधी प्रकरण चल रहे हैं, वे सब पार्टी और पदों से तब तक मुक्त किए जाएं, जब तक वे निर्दोष साबित नहीं होते। सोशल मीडिया पर भी दिनभर दोनों पार्टियों की तरफ से वार-पलटवार का सिलसिला चलता रहा।
यह है कांग्रेस का पूरा अभियान
दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बेटी बचाओ अभियान शुरू किया है। इसमें महिला कांग्रेस युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के साथ मिलकर कांग्रेसी प्रदेश में लोगों तक पहुंचेंगे। महिलाओं के अधिकारों की आवाज बुलंद करने के लिए 'स्पीक अप' अभियान ( 2 अक्टूबर ), युवा कांग्रेस का मशाल जुलूस ( 5 अक्टूबर ) महिला कांग्रेस का कैंडल मार्च ( 7 अक्टूबर ) ब्लॉक स्तरीय उपवास व कन्या पूजन ( 8 अक्टूबर ), बेटी बचाओ ज्ञापन (14 अक्टूबर) प्रदेश स्तरीय उपवास (16 अक्टूबर ) से लेकर मध्यप्रदेश बंद ( सरकार द्वारा उचित कदम न उठाने पर ) जैसे कार्यक्रम इस अभियान में शामिल किए गए हैं।
आशीष अग्रवाल ने साधा कांग्रेस पर निशाना
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा, कांग्रेस को 'बेटी बचाओ' नहीं 'कांग्रेसियों से बेटी बचाओ' अभियान चलाना चाहिए। जिनके संस्कार में महिला विरोध और महिलाओं के प्रति विकृत मानसिकता हो, वो 'बेटी बचाओ' अभियान चलाकर देश को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस तो 'कांग्रेसियों से बेटी बचाओ' अभियान चलाए, ताकि समाज और राष्ट्र का भला हो पाए।
कांग्रेसियों से बेटी बचाओ' अभियान के तहत...
राहुल गांधी: अपनी 'महिलाओं को छोटे कपड़ों में देखने की' विकृत इटेलियन मानसिकता के लिए माफी मांगे।
बंगाल, हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक में महिलाओं के मुद्दे में चुप रहने वाली प्रियंका वाड्रा इस अभियान से सलेक्टिव चुप्पी तोड़कर पश्चाताप करें।
जीतू पटवारी: नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें...क्योंकि दलित महिलाओं में रस ढूंढते हैं।
कमलनाथ: तमीज सीखें और सार्वजनिक माफी मांगे... महिलाओं को आइटम और सजावट का सामान कहने के लिए।
दिग्विजय सिंह: महिलाओं के पैर छूकर माफी मांगे... टंचमाल कहने के लिए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार: इस अभियान में शपथ लें कि वो भविष्य में कभी भी महिलाओं के साथ व्याभिचार नहीं करेंगे।
रणदीप सूरजेवाला: मंच पर नाक रगड़ें और महिलाओं को 'चाटने वाली' कहने के लिए माफी मांगे।
सुप्रिया श्रीनेत्र: हाथ जोड़कर मंच से कहें कि वो कभी किसी महिला को 'बाजारू' नहीं कहेंगी और ना मंडी में 'महिलाओं का भाव' पूछेंगी।
जनता तो पहले ही कांग्रेस की महिला विरोधी मानसिकता को पहचान गई थी तभी देश की जनता ने 'कांग्रेस से बेटी बचाओ' अभियान पहले से ही छेड़ रखा है जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस देश में सिर्फ 3 राज्यों तक और मध्यप्रदेश से गायब हो चुकी है। अब तो कांग्रेस को अपनी 'लुटी-पिटी जरा सी बची कांग्रेस' के अस्तित्व को बचाने के लिए बिना देरी के 'कांग्रेसियों से बेटी बचाओ' अभियान शुरू कर देना चाहिए।
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