World Health Day:इंदौर हेल्थ सर्वे में 1 लाख लोगों में 32%प्रीडायबिटिक

मध्यप्रदेश में हेल्थ ऑफ इंदौर मॉडल के सर्वे में सामने आया है कि लोग न नियमित व्यायाम करते हैं न खानपान पर नियंत्रण रखते हैं। इंदौर के एक लाख लोगों के हेल्थ सर्वे में 30 प्रतिशत लोगों का कोलेस्ट्राल खराब, वहीं 32 प्रतिशत लोग प्रीडायबिटिक मिले।

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर में 32% लोग प्रीडायबिटिक।

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INDORE. World Health Day: इंदौर शहर खानपान के लिए प्रसिद्ध है, यहां के लोगों को अब बीमारियों ने चारों तरफ से घेर रखा है। शहरवासी किसी न किसी बीमारी से ग्रसित होते जा रहे हैं। हेल्थ आफ इंदौर माडल के तहत किए गए  एक लाख लोगों के हेल्थ सर्वे में सामने आया है कि इंदौर में रहने वाले मध्यमवर्गीय लोगों में 32%प्रीडायबिटिक हैं, इनमें सभी की उम्र 18 वर्ष से अधिक है, जबकि 30 प्रतिशत लोग खराब कोलेस्ट्राल से ग्रसित मिले।

खानपान पर नियंत्रण नहीं रख रहे 

इंदौर शहर के लोगों में बीमारियों को लेकर अभी भी जागरूकता में कमी देखने को मिल रही है। अभी भी कई लोग न तो खानपान पर नियंत्रण रखते हैं और न ही नियमित व्यायाम करते हैं। हालांकि, कोरोना के बाद में बीमारियों की सामान्य जांच करवाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है इससे गंभीर बीमारियों से बचा जा रहा है। बता दें कि सर्वे में दो लाख से अधिक लोगों की जांच की गई थी।

कम उम्र में होने लगी बीमारियां

डॉ. विनीता कोठारी ने बताया कि शहर में बीमारियां तेजी से बढ़ने लगी हैं। इसके प्रति लोगों को अब जागरूक होने की आवश्यकता है। जो बीमारियां पहले एक उम्र के बाद लोगों में देखने को मिलती थी, अब वह कम उम्र में होने लगी है। सर्वे में यह चौंकने वाली संख्या सामने आई है। हम सिर्फ स्क्रीनिंग ही नहीं करेंगे, बल्कि आयुर्वेद और एलोपैथिक विकल्प के माध्यम से भी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को कम करने का प्रयास करेंगे।

घर के बाहर का खाने से किडनी रोगी बढ़े

डॉ. अनिता चौकसे के अनुसार ऑनलाइन खाने की परंपरा शुरू होने लोग बाहर का खाना अधिक खाने लगे हैं। घर बैठे ही खाना बुलवाने लगे हैं इसमें सबसे अधिक बच्चे शामिल हैं इससे बीमारियां बढ़ने लगी हैं। लोगों को नियमित व्यायाम करना चाहिए, लेकिन वे नहीं करते हैं। बुरी आदतों के कारण किडनी रोग भी बढ़ने लगा है। जिन लोगों के परिवार में कोई बीमारी आनुवांशिक होती है, उन्हें अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। 

कोविड काल के बाद जागरुकता बढ़ी

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना के बाद लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इससे जिन लोगों को हृदयाघात का खतरा होता है, उससे भी बचा जा रहा है। अब लोग समय पर अपनी जांच करवाने लगे हैं। शहर अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी आगे बढ़ रहा है। यहां मरीजों को आधुनिक सुविधाएं भी मिलने लगी है। अधिकांश बीमारियों का इलाज अब यहां मिलने लगा है।

World Health Day 32%प्रीडायबिटिक हेल्थ सर्वे