MP ने आबादी के मामले में दुनिया के चार देशों को पीछे छोड़ा, INDIA भी दुनिया में अव्वल

103 वर्ष पहले मध्यप्रदेश की जनसंख्या 1 करोड़ 39 लाख थी। अब हर साल 15 लाख से ज्यादा लोग राज्य में बढ़ रहे हैं। यही आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ते हुए 8 करोड़ 45 लाख से अधिक हो गया है। 

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Ravi Kant Dixit
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 यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन
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भारत में आबादी तेजी से बढ़ रही है। यूनाइटेड नेशन्स की हेल्थ एजेंसी यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड यानी UNFPA की हालिया रिपोर्ट कहती है कि भारत की आबादी बढ़कर 144 करोड़ से ज्यादा हो गई है। जनसंख्या के मामले में मध्यप्रदेश भी पीछे नहीं है। फिलहाल राज्य की आबादी 8 करोड़ 45 लाख के आसपास पहुंच गई है। सूबे में हर साल औसतन 15 लाख की आबादी बढ़ रही है। 

11 जुलाई को दुनिया में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर 'द सूत्र' अपने पाठकों को बताने जा रहा है जनसंख्या से जुड़े खास आंकड़े। पढ़िए ये रिपोर्ट...। 

103 वर्ष पहले 1 करोड़ 39 लाख लोग थे 

जानकारी के अनुसार, 103 वर्ष पहले मध्यप्रदेश की जनसंख्या 1 करोड़ 39 लाख थी। अब हर साल 15 लाख से ज्यादा लोग राज्य में बढ़ रहे हैं। यही आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ते हुए 8 करोड़ 45 लाख से अधिक हो गया है। अब एमपी की मौजूदा जनसंख्या की तुलना थाईलैंड, फ्रांस, इटली और साउथ अफ्रीका जैसे देशों की कुल आबादी से की जाए तो भी मध्यप्रदेश ही आगे है। 

इन चार देशों को पीछे छोड़ा 

आपको बता दें कि थाईलैंड की आबादी 7 करोड़ 17 हजार, फ्रांस की जनसंख्या 6 करोड़ 8 हजार, इटली की आबादी 5 करोड़ 89 हजार और साउथ अफ्रीका की पॉपुलेशन 5 करोड़ 99 हजार के आसपास है। मतलब अपना मध्यप्रदेश इन देशों से आगे निकल चुका है। आबादी बढ़ने की रफ्तार यही रही तो इस बात की पूरी संभावना है कि मध्यप्रदेश की जनसंख्या अगले डेढ़ दशक में 10 करोड़ से भी ज्यादा हो जाएगी। 

क्या कहते हैं प्रदेश और देश के आंकड़े 

  • प्रदेश में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। 2011 की जनगणना के मुताबिक तब प्रदेश में उम्रदराज लोगों की आबादी कुल जनसंख्या में 7.5 फीसदी थी, जो 2021 में बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गई।
  • वर्ष 2011 में राज्य में 52 फीसदी यानी 3.76 करोड़ पुरुष और 48 प्रतिशत यानी 3.50 करोड़ महिलाएं थीं। 10 वर्ष बाद यानी 2021 में पुरुषों का प्रतिशत 51.6, जबकि महिलाओं का 48.4 हो गया। 
  • मध्यप्रदेश में टू चाइल्ड पॉलिसी मतलब 'हम दो, हमारे दो' का नियम वर्ष 2001 से 2005 तक माना गया। इसमें तीसरा बच्चा होने पर व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होता था। बाद में विवाद हुआ तो सरकार ने इसे हटा दिया।
  • देश की बात करें तो भारत ने इसी साल आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ा है। UNFPA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या 77 वर्षों में दोगुनी हो गई है। यानी अब 144 करोड़ 17 लाख से ज्यादा भारतीय हैं। 
  • UNFPA की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कुल आबादी का 24 प्रतिशत हिस्सा 0 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का है। 15 से 64 वर्ष आयुवर्ग की आबादी सबसे ज्यादा 64 फीसदी है।

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