उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज मध्य प्रदेश के प्रवास पर आ रहे हैं। वे यहां विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर प्रातः 11ः00 बजे शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय डिण्डौरी में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में शामिल होंगे।
उपराष्ट्रपति भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से सुबह 9:55 बजे दिल्ली से जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पहुचेंगे और हेलीकाप्टर से प्रस्थान कर 10:55 बजे डिंडोरी हेलीपेड पहुचेंगे। हेलीपेड से शासकीय चंद्र विजय महाविद्यालय पहुंचकर 11 बजे विश्व सिकल सेल दिवस के कार्यक्रम में भाग लेंगे।
पुलिस लाइन में चार हेलीपैड बनाए गए
उपराष्ट्रपति वायुसेना के हेलीकॉप्टर से आएंगे। पुलिस लाइन में चार हेलीपैड बनाए गए हैं।उनके साथ कुल तीन हेलीकॉप्टर रहेंगे। एक हेलीकॉप्टर में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री भी रह सकते हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी होंगे शामिल
डिंडौरी जिला मुख्यालय के शासकीय चंद्र विजय कॉलेज परिसर में 19 जून बुधवार को आयोजित राज्य स्तरीय सिकल सेल एनीमिया शिविर में शामिल होने देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल सहित प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक मंत्री डिंडौरी पहुंच रहे हैं।
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मध्य प्रदेश में सिकलसेल एनीमिया की रोकथाम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 नवम्बर 2021 से सिकलसेल एनीमिया की रोकथाम एवं उपचार मिशन का शुभारंभ किया गया।
मिशन में अलीराजपुर एवं झाबुआ जिलें में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुल 9 लाख 17 हजार जनसंख्या की स्क्रीनिंग की गई।
22 लाख 96 हजार जेनेटिक कार्ड बांटे जा चुके हैं
सिकलसेल एनीमिया आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में एक अहम स्वास्थ्य समस्या है। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जेनेटिक काउंसलिंग एवं प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक है। मध्यप्रदेश में अब तक 22 लाख 96 हजार जेनेटिक कार्ड वितरित किये जा चुके हैं।
लाखों लोगों की हो चुकी है स्क्रीनिंग
राष्ट्रीय सिकलसेल उन्मूलन मिशन में देश के 17 राज्य शामिल हैं। मिशन में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों के 89 विकासखण्डों में लगभग 1 करोड़ 11 लाख नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जानी है। द्वितीय चरण में अब तक 49 लाख 17 हजार जनसंख्या की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिसमे से 1 लाख 20 हजार 493 सिकलवाहक एवं 18 हजार 182 सिकल रोगी चिन्हित किये गए हैं।
नवजात शिशुओं की जांच के लिए एम्स भोपाल में लैब
आदिवासी बाहुल्य जिलों में सिकलसेल रोग के प्रसार को आगामी पीढ़ी में जाने से रोकने के लिए सरकार की तरफ से अथक प्रयास किया जा रहा है।
नवजात शिशुओं में जन्म के 72 घंटे के अंदर विशेष जांच के लिए एम्स भोपाल में लैब स्थापित कर आदिवासी बाहुल्य जिलों से भेजे गये सैम्पलों की जांच प्रारंभ की गई है इसके अंतर्गत प्रदेश के समस्त 89 आदिवासी बाहुल्य विकासखंडों में पदस्थ प्रबंधकीय एंव चिकित्सकीय स्टाफ के साथ-साथ मैदानी कार्यकताओं को प्रशिक्षित किया गया है।
गर्भवती महिलाओं की प्रि-नेटल डायग्नोसिस 'संकल्प इंडिया' के सहयोग से की जा रही है। स्क्रीनिंग में चिन्हित सिकलसेल रोगियों को उपचार, औषधि एवं सम्पूर्ण प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं निरंतर निगरानी के लिए ट्रीटमेंट एवं फॉलोअप बुकलेट तैयार की गई है।
सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग तथा प्रबंधन के प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग ICMR, NIRTH जबलपुर द्वारा दिया जा रहा है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ | world sickle cell day | vice president jagdeep dhankad