नील तिवारी, JABALPUR. सरकारी अस्पतालों में व्याप्त अव्यवस्थाएं तो किसी से छिपी नहीं है, लेकिन जबलपुर के कटंगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान हुई गर्भवती और बच्चे की मौत ने चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। इलाज के दौरान गर्भवती और उसके बच्चे की मौत होने के बाद परिजनों ने उनकी मौत का जिम्मेदार डॉक्टर को बताते हुए नागरिकों सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हंगामा किया और दमोह-जबलपुर रोड पर चक्काजाम कर दिया।
9 माह की गर्भवती थी मोहनी
कटंगी के प्रेम नगर मैं रहने वाली मोहिनी रैकवार की शादी लगभग 6 साल पहले सत्येंद्र के साथ हुई थी। मोहिनी 9 माह की गर्भवती थी और उसे प्रसव पीड़ा होने पर कटंगी स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। मृतका के पति सुरेंद्र ने बताया कि अस्पताल में इलाज शुरू होने के बाद मोहनी ने बोलना बंद कर दिया था और कुछ ही देर बाद उन्हें डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि उसकी हालत बिगड़ने लगी है और उसे मेडिकल रेफर कर दिया गया। मेडिकल में गर्भवती की मृत्यु होने के बाद उसका शव सड़क पर रखकर परिजनों ने प्रदर्शन किया।
गलत इंजेक्शन देने से हुई मौतः परिजन
परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन देने के कारण ही गर्भवती और उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत हुई है। इसके बाद परिजनों के साथ क्षेत्रीय नागरिकों ने मिलकर दमोह जबलपुर रोड को प्रदर्शन कर लगभग 2 घंटों के लिए जाम कर दिया। पुलिस को मामले को शांत करने घंटों तक मशक्कत करनी पड़ी। कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया।
अचानक बीपी बढ़ने से बिगड़ी हालतः डॉ. विश्नोई
कटंगी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर आदर्श विश्नोई ने बताया की महिला को गुरुवार के दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लाया गया था जहां पर शुक्रवार को उसका बीपी बढ़ गया। गर्भवती के ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए उसे दो इंजेक्शन दिए गए इसके बाद उन्हें झटका आया और वह बेहोश हो गई। गर्भवती की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस मामले में दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।