यशवंत क्लब मैनेजिंग कमेटी के खिलाफ पूर्व विधायक संजय शुक्ला के बेटे सागर पहुंचे भोपाल

यशवंत क्लब में 57 नए सदस्यों की सदस्यता को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले में पहले नौ सदस्यों ने कलेक्टर से शिकायत की थी, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए। पढ़ें पूरी खबर इस लेख में....

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Sanjay gupta
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SAGAR SHUKLA AND SANJAY SHUKLA 1

संजय शुक्ला (काले कोट में) और सागर शुक्ला (ग्रे कोट में)

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यशवंत क्लब में 15 दिसंबर को बनाए गए नए 57 सदस्यों को लेकर उठा विवाद और बढ़ गया है। पहले नौ सदस्यों ने इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह से शिकायत की थी, जिस पर उन्होंने फर्म एंड सोसायटी असिस्टेंट रजिस्ट्रार को जांच के आदेश दे दिए। यह जांच अभी चल ही रही है कि पूर्व कांग्रेस विधायक और अब बीजेपी में शामिल संजय शुक्ला के बेटे सागर शुक्ला ने भी सदस्यता आवेदन खारिज होने पर मैनेजिंग कमेटी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए भोपाल शिकायत कर दी है। उनके साथ ही आवेदक अरुण बंसल ने भी शिकायत की है।

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सागर शुक्ला इस तरह हुए थे यशवंत क्लब से बाहर

सागर शुक्ला जो एक साल पहले ही ओडीए (ओल्ड डेलियंस एसोसिएशन) के सहसचिव भी बने हैं, उन्होंने भी यशवंत क्लब की सदस्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें कटऑफ वोट 33 से दो कम वोट (31 वोट) मिले और वह सदस्यता पाने से बाहर हो गए। वह लिस्ट में 75 आवेदकों में से 58 वें नंबर पर रहे, उनके ऊपर वाले 57 आवेदकों को सदस्यता मिल गई। वहीं सूत्रों के अनुसार उनके साथ ही आवेदक अरुण बंसल ने भी सदस्यता प्रक्रिया को लेकर शिकायत की है, उन्हें 27 वोट मिले थे। 

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इनके खिलाफ हुई शिकायत

सागर शुक्ला की शिकायत में यशवंत क्लब, चेयरमैन मंजीत (टोनी) सचदेवा, सचिव संजय गोरानी, सहसचिव विपिन कूलवाल, कोषाध्यक्ष आदित्य उपाध्याय, सदस्य अनिमेष सोनी, संदीप जैन, तेजवीर जुनेजा, आदित्य पारिख, वैभव दुआ को पार्टी बनाया गया है। इस मामले में फर्म एंड सोसायटी रजिस्ट्रार ने नोटिस जारी कर सभी पक्षों को 14 फरवरी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। 

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पारदर्शिता नहीं होने की उठाई शिकायत

सागर शुक्ला ने आरोप लगाए हैं कि मैनेजिंग कमेटी ने सदस्यता प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं रखी और अपने वालों को ही उपकृत करने के हिसाब से सदस्य बनाया और इनके लिए कटऑफ वोट 33 भी अपने वालों को दिलवाए गए। शुक्ला ने कहा कि बैलेटिंग कमेटी सदस्यों द्वारा वोट डालने की और फिर काउंटिंग की प्रक्रिया नियमानुसार नहीं की गई। काउंटिंग सभी के सामने होना थी, लेकिन इसे बंद कमरे में किया गया और इस पूरे मामले में अनियमितता की गई है। 

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उधर शिकायत करने वाले सदस्यों पर दबाव के आरोप

उधर कलेक्टर आशीष सिंह को शिकायत करने वाले सदस्यों में से रणवीर सलूजा और गिरीश मुंजे ही बचे हैं। बाकी सदस्य धीरज छपरवाल, विनोद महाजन, राकेश जैन, गौरव कठपाल, सुरेश जोशी ने अपनी शिकायत वापस लेने का आवेदन दे दिया है। इसके लिए भी आरोप लग रहे हैं कि मैनेजिंग कमेटी के कुछ पदाधिकारियों द्वारा खुद व अन्य माध्यम के जरिए इन सभी को फोन करवाया और दबाव बनाया कि वह शिकायत वापस कर लें। आरोप यह भी कि यहां तक कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर मैनेजिंग कमेटी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। भले ही कुछ सदस्यों ने शिकायत वापस ले ली है लेकिन बाकी सदस्य अड़े हैं और अब जांच भी शुरू हो चुकी है। वहीं क्लब में ही सदस्यता को लेकर कई और सदस्य है जो इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाकर शिकायत करने के लिए तैयार है और यह भी जल्द कलेक्टर से मिल सकते हैं। 

लोकतांत्रिक प्रक्रिया खत्म करने के आरोप

पूर्व चेयरमैन पम्मी छाबड़ा ने इस मामले में कहा कि मैं सदस्यता प्रक्रिया के पहले दो बार ईमेल कर चुका था कि प्रक्रिया गलत हो रही है, पारदर्शिता जरूरी है। बैलेटिंग कमेटी में पूर्व चेयरमैन के नाते मैं शामिल नहीं हो सकूं, इसके लिए पहले एक अतिरिक्त आवेदन लेकर मुझे बाहर किया। वोट काउंट की प्रक्रिया बंद कमरे में हुई, जो पहले डिस्प्ले में दिखाते हुए होती थी। सदस्यता फार्म कैसे बांटे, किन्हें छांटा और उनकी प्राथमिकता सूची कैसे बनी कुछ साफ नहीं है। फिर जब 25 सदस्य बनाने थे, तो 57 सदस्य बना लिए। वोटिंग पैटर्न एक साथ कई को 34 वोट तो कई को कटआफ वोट 33 मिलना, यह सभी शंकाओं के घेरे में हैं। 

यशवंत क्लब सचिव संजय गोरानी से सीधी बात

SANJAY GORANI

  • सदस्यता को लेकर सवाल उठ रहे है कि पारदर्शी प्रक्रिया नहीं हुई

गोरानी- पूरी प्रक्रिया क्लब संविधान के तहत हुई और पारदर्शी तरीके से हुई है। फर्म एंड सोसायटी को सभी मीटिंग के मिनिट्स, पास प्रस्ताव, संविधान सभी की पूरी डिटेल उपलब्ध करा दी है।

  • काउंटिंग बंद कमरे में हुई और वोट बदलने के आरोप लग रहे हैं

गोरानी- चुनाव कमेटी बनी थी, आब्जर्वर नियुक्त थे, पूरी प्रक्रिया ईमानदारी से हुई और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग हुई है। 

  • सदस्य 50 बनाने थे लेकिन 57 बना लिए गए

गोरानी- साल 2023 में प्रक्रिया रूक गई थी, इसलिए उस साल और 2024 के 25-25 एक साथ कुल 50 सदस्य बनाए गए हैं। सात जो अतिरिक्त सदस्य है उन्हें अभी परमानेंट सदस्यता नहीं दे रहे हैं, यह गलत प्रचारित हो रहा है। क्लब संविधान में है कि दो तिहाई वोट पाने वालों को अगली बार बैलेटिंग कमेटी फेस नहीं करना होगी, तो इन सात को अभी स्थाई सदस्यता नहीं दी जा रही है।

  • आपने दबाव डलवाकर शिकायतें वापस करवाई

गोरानी- बिल्कुल नहीं, क्लब के सदस्यों ने ही उन्हें समझाया कि सभी काम ईमानदारी से हो रहे हैं तो फिर क्यों बेवजह शिकायत कर क्लब की छवि खराब कर रहे हैं, इसके बाद वह मान गए। सदस्यों ने तो यहां तक कहा कि हमें नहीं पता कि शिकायत में क्या था, हमे कहा तो साइन कर दी थी। उनके शिकायत वापस लेने के भी आवेदन मैंने जांच अधिकारी को दे दिए हैं। 

शिकायत में यह आरोप लगे हैं, जिसकी कलेक्टर ने बैठाई जांच 

  •  शिकायत में आरोप है कि 50 सदस्यीय बैलेटिंग कमेटी बनाने में कोई पारदर्शिता नहीं रखी गई, अपने लोगों को इसमें शामिल करने के लिए पूरी राजनीति की गई और कुछ योग्य दावेदारों को अलग किया गया।
  •  मैनेजिंग कमेटी ने सदस्यता के लिए 186 फार्म किस आधार पर बांटे, इसका कोई खुलासा नहीं और ना ही इसकी कोई पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई। शहर के कई लोग जो भरना चाहते थे उन्हें कोई मौका नहीं मिला
  •  इन सभी फार्म भरने वालों को कैसे चुना गया, उनकी क्या जांच हुई और फिर उनकी सदस्यता के लिए किस तरह उन्हें प्राथमिकता में आगे और पीछे रखा गया, इसका कोई खुलासा नहीं है, यह मैनेजिंग कमेटी ने बंद कमरे में किया और किसी को कुछ भी नहीं बताया। 
  •  कमेटी को ईओजीएम 2023 के आदेश पर केवल 25 सदस्य ही हर साल बनाने थे लेकिन कमेटी ने एक साथ 2023-24 व 2024-25 के लिए 57 सदस्य एक साथ बना लिए। इसके लिए कोई नई ईओजीएम नहीं की गई और ना ही कोई अप्रूवल लिया गया।
  •  इस पूरे मामले में फंड का भी दुरुपयोग किया गया और वित्तीय अनुशासन नहीं रखा गया है।

यह भी जा रहा है कि बैलेट बॉक्स बदला

कहा जो यह भी जा रहा है कि मैनेजिंग कमेटी ने दिखावे के लिए 50 सदस्यीय बैलेट कमेटी से वोट तो डलवाए लेकिन इसमें किसी के भी हस्ताक्षर आदि प्रक्रिया नहीं की गई और ना ही पारदर्शिता रखी गई। बाद में इन वोट को ही बदल कर दूसरा बॉक्स किया गया और पहले से ही तय वोट अपने वालों जिन्हें भी राजनीतिक तौर पर लाभप्रद लोगों को सदस्य बनाना था उन्हें सदस्य बनाने लायक तय वोट संख्या दे दी। 

क्या है मांग सदस्यों की

कलेक्टर को हुई शिकायत में सदस्यों की मांग है कि पूरी सदस्यता प्रक्रिया को रोका जाए, इस मामले में अनियमितता और मैनेजिंग कमेटी की हिटलरशाही हुई है, इसकी जांच की जाए, नई ईओजीएम को बुलाया जाए और फिर से नए सिरे से यह प्रक्रिया की जाए। सदस्यता फार्म देने, बैलेटिंग कमेटी बनाने से लेकर वोट डालने और वोट गिनने तक की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सभी को बताते हुए क्लब में की जाए। 

एक जैसे वोटिंग पैटर्न से उठाई आशंका

मैनेजिंग कमेटी ने 15 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद पात्र पाए गए सदस्यों की लिस्ट चस्पा की, इसमें बताया गया कि 50 को सदस्य बनाना था, लेकिन अंतिम कटऑफ वोट 33, जिन्हें भी मिला उन्हें ले लिया गया है और इस तरह कुल 57 सदस्य हुए हैं। कुल 75 सदस्यों के लिए वोटिंग हुई और 33 से कम वोट वाले 18 आवेदक बाहर हो गए हैं और वह अपात्र पाए गए हैं। यदि वोट पाने वालों की लिस्ट देखें तो अंतिम कटऑफ 33-33 वोट कुल 7 सदस्यों को, उसके ऊपर 34-34 वोट कुल 13 सदस्यों को, 35-35 एक जैसी वोट संख्या कुल 18 सदस्यों को, नौ लोगों को 36-36 वोट, पांच लोगों को 37-37 वोट, वहीं तीन को 38-38 वोट, एक को 39 वोट और एक को 41 वोट मिले। इसमें एक जैसी वोट संख्या 33, 34, 35 और 36 कई सदस्यों को मिली। खासकर कटऑफ वोट संख्या 33 पर भी शक है कि इसमें फर्जीवाड़ा किया गया।

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